मुंबई, 15 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। महाराष्ट्र में वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बुधवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे समेत महाविकास अघाड़ी (MVA) के नेताओं ने मुंबई में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की और इस मामले में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। नेताओं का आरोप है कि राज्य के कई जिलों में एक ही व्यक्ति का नाम कई मतदान केंद्रों और तहसीलों में दर्ज है, जिससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने बताया कि कई जिलों में एक घर में चार मतदाता रहते हैं, लेकिन सूची में उनसे अधिक लोगों के नाम दर्ज हैं। उन्होंने लातूर और नांदेड़ जैसे जिलों के उदाहरण देते हुए कहा कि यह गंभीर गड़बड़ी है, जिसकी जानकारी उन्होंने चुनाव आयोग को सौंप दी है। आव्हाड ने कहा कि ऐसी बोगस वोटिंग ही महायुति (एनडीए गठबंधन) को जीत दिलाती है और भाजपा प्रशासनिक तंत्र को अपने हिसाब से सेट कर रही है।
इसी बीच, सोलापुर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति की जीत तय है। उन्होंने कहा कि जब हम जीतेंगे तो विपक्ष यह तस्वीर दिखाएगा और दावा करेगा कि हमने पहले ही वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की बात कही थी।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी ने पहले ही चुनाव आयोग को चेतावनी दी थी कि भाजपा मतदाता सूची में हेराफेरी कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक ये खामियां दूर नहीं की जातीं, तब तक चुनाव नहीं कराए जाने चाहिए। ठाकरे ने यह भी सवाल उठाया कि जब सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, तब भाजपा के प्रतिनिधि उसमें शामिल क्यों नहीं हुए।
कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची में हजारों गलतियां हैं। चुनाव अधिकारियों से बार-बार सुधार की मांग के बावजूद यह काम नहीं हुआ। उनका कहना है कि सत्तारूढ़ दल निष्पक्ष मतदाता सूची नहीं चाहता। एनसीपी (एसपी) नेता शशिकांत शिंदे ने कहा कि वे दो दिन इंतजार करेंगे कि केंद्र और राज्य चुनाव आयोग के बीच क्या निर्णय होता है, उसके बाद आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र से वोट चोरी और डुप्लीकेट वोटर्स के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से पूरी मतदाता सूची की जांच की मांग की। वहीं, एनसीपी (एसपी) के जयंत पाटिल ने आरोप लगाया कि मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए हरे पेन और नाम हटाने के लिए लाल पेन के इस्तेमाल का आदेश ऊपर से आया है। उन्होंने आयोग पर शिकायतों को दबाने का भी आरोप लगाया।
विधायक अशोक पवार ने एक मामला उठाया जिसमें एक मकान नंबर पर 188 मतदाताओं के नाम दर्ज थे, जबकि वह मकान गांव में मौजूद ही नहीं था। जब इस पर चुनाव अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि इस बारे में शिकायत करना मतदाता की निजता का उल्लंघन होगा, इसलिए जानकारी नहीं दी जा सकती।