मुंबई, 5 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर पुणे के भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII) के दौरे पर थे। इस दौरान भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान छात्रों ने उनका विरोध किया साथ ही लगातार उनके खिलाफ हाथों में पोस्टर्स और बैनर लेकर नारेबाजी की गई।
स्टूडेंट्स का कहना था कि पिछले दिनों दिए अनुराग के कुछ बयान सांप्रदायिक और समाज को बांटने वाले थे। इसके अलावा वे इंस्टिट्यूट में हर साल बढ़ने वाली फीस का भी विरोध कर रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन काे छात्र संघ ने भी समर्थन दिया। छात्रसंघ ने कहा, 'हम अनुराग ठाकुर की राजनीतिक विचारधारा और उनके पिछले कार्यों का विरोध कर रहे थे। उनके आने से पहले छात्रसंघ के अध्यक्ष और महासचिव को I&B मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अपूर्व चंद्रा से सीधी धमकी मिली थी कि अगर हम प्रदर्शन करते हैं तो मंत्रालय संस्थान के लिए फंड कम कर देगा और छात्र कल्याण योजनाओं को बंद कर देगा। यह हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए खतरा है।'
इससे पहले छात्रसंघ ने कहा की, "अनुराग ठाकुर को पिछले साल सूचना और प्रसारण मंत्री नियुक्त किया गया था, जिस मंत्रालय के तहत हमारा संस्थान चलता है। उनकी सोच का प्रभाव उन फैसलों पर सीधे पड़ता है जो हमारे लिए हैं। हमारी एकेडमिक काउंसिल को रद्द कर दिया गया है और हमारी परेशानी को सुनने के लिए किसी के पास समय नहीं है।" छात्रों ने यह भी कहा, "सरकार से सब्सिडी और हाल ही में शुरू किए गए कई शॉर्ट टर्म कोर्स से बड़ी मात्रा में आय के बावजूद, प्रशासन वर्तमान में आने वाले बैचों की फीस में हर साल 5% बढ़ोतरी करता है। एसोसिएशन ने दावा किया कि पहले भी उनने कई मुद्दों को उठाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मंत्री के कैंपस में आने के बाद स्टूडेंट्स ने उनके खिलाफ मौन प्रदर्शन किया। बार-बार अनुरोध और अध्यक्ष से गुहार लगाने के बाद, उन्हें अनुराग से सिर्फ 2 मिनट के लिए अनौपचारिक तरीके से मिलने की अनुमति दी गई। उन्होंने अपनी बात कागज पर लिखकर अनुराग के सामने रखी। हालांकि, उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। बल्कि उलटा उन्हें अनुराग के गुस्से का सामना करना पड़ा।