मुंबई, 23 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अहमदाबाद से जुड़ी एक विमान दुर्घटना के बाद ब्रिटेन में दो पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि उन्हें उनके परिजन के स्थान पर किसी और का शव सौंप दिया गया है। इन परिवारों के वकील जेम्स हीली ने बताया कि शवों का DNA परीक्षण उनके परिवार के सदस्यों से मेल नहीं खा रहा है। यह जानकारी ब्रिटेन के अखबार डेली मेल की रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, एक ब्रिटिश परिवार ने अपने परिजन के अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली थी, लेकिन जैसे ही DNA जांच की रिपोर्ट सामने आई, उन्हें अंतिम संस्कार की योजना को रद्द करना पड़ा क्योंकि ताबूत में किसी और का शव पाया गया। एअर इंडिया ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है, हालांकि अब तक कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि जैसे ही मामला सामने आया, भारत ने ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर इस पर काम शुरू कर दिया है। वहीं, भारत में संबंधित अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की पहचान तय प्रोटोकॉल के तहत ही की गई थी।
गौरतलब है कि इस हादसे में 13 शवों को ब्रिटेन भेजा गया था। यह दुर्घटना 12 जून को हुई थी, जिसमें कुल 270 लोगों की जान गई थी। विमान में 242 यात्री सवार थे जिनमें 53 ब्रिटिश नागरिक, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक शामिल थे। इस घटना से पहले एअर इंडिया पर पीड़ितों को मुआवजा देने के मामले में भी गंभीर आरोप लगे थे। ब्रिटेन की कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स ने दावा किया था कि एअर इंडिया ने मुआवजा देने से पहले पीड़ित परिवारों से वित्तीय जानकारी मांगी, जिससे उनकी मुआवजे की राशि कम हो सकती थी। स्टीवर्ट्स ने आरोप लगाया कि एअर इंडिया का यह रवैया लगभग 1,050 करोड़ रुपये बचाने की कोशिश जैसा है। उन्होंने अपने क्लाइंट्स को सलाह दी है कि वे एयरलाइन द्वारा भेजे गए फॉर्म न भरें और कानूनी तरीके से मुआवजा पाने के लिए आगे बढ़ें। हादसे के बाद टाटा ग्रुप ने पीड़ितों के परिवारों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी, जबकि एअर इंडिया की ओर से 25 लाख रुपये की राहत राशि का वादा किया गया था।