नई दिल्ली, 6 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) कल शुक्रवार 5 नवंबर को केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया था कि कोरोना महामारी के शुरू होने के समय गरीबों को खाद्य सुरक्षित रखने के उद्देश्य से विगत वर्ष 2020 के मार्च में शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) को 30 नवंबर 2021 से आगे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था अब पुनर्जीवित हो रही है। इस खबर के विपरीत दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने फ़्री राशन योजना को अगले छः महीने के लिए और बढ़ा दिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के कल की उपरोक्त खबर को टैग करते हुए आज दोपहर ट्वीट करके कहा कि महंगाई बहुत ज़्यादा हो गई है। आम आदमी को दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो रही है। कोरोना की वजह से कई बेरोज़गार हो गए। प्रधानमंत्री जी, ग़रीबों को मुफ़्त राशन देने की इस योजना को कृपया छः महीने और बढ़ाया जाए। दिल्ली सरकार अपनी फ़्री राशन योजना छः महीने के लिए बढ़ा रही है।
ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार के इस ऐलान पर दिल्ली सरकार में मंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) को और आगे बढ़ाने की अपील की। मनीष सिसोदिया ने इस बारे में दिल्ली सरकार के निर्णय पर कहा कि अभी भी कोरोना के प्रभाव से लोग पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं। बहुत से लोगों की नौकरियां अभी भी नहीं लग पाई हैं, लोगों की लाइफ पूरी तरह से पटरी पर नहीं आई हैं। इसलिए दिल्ली सरकार अपनी फ़्री राशन योजना को फिलहाल बंद नहीं कर रही है।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए का एक व्यापक राहत पैकेज है, जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में उनकी मदद करने के लिए शुरू किया गया। यह मार्च 2020 में गरीबों के सबसे गरीब लोगों तक भोजन और पैसे के साथ पहुंचने के लिए घोषित किया गया था, ताकि उन्हें आवश्यक आपूर्ति खरीदने और आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। योजना में 30 मार्च 2020 से नीचे सूचीबद्ध उपायों को शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के प्रारंभ में 80 करोड़ गरीब लोगों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो पसंदीदा दाल मुफ्त दी गई थी। फिर बाद में इस योजना के रूपरेखा में परिवर्तन हुआ। प्रारंभ में यह सिर्फ 3 महीने के लिए थी मगर लोगों की समस्या को देखते हुए इसे बढ़ाते-बढ़ाते नवंबर 2021 तक आगे लाया गया है, जिसे अब केंद्र सरकार ने आगे नहीं बढ़ाने की घोषणा की है।