मुंबई, 04 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल की पहली केंद्रीय कैबिनेट बैठक के लिए सुषमा स्वराज भवन पहुंच चुके हैं। इस बैठक में बीते एक साल में सरकार की उपलब्धियों और पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक की शुरुआत प्रधानमंत्री के संबोधन से होगी, जिसके बाद प्रमुख मंत्रालय अपने-अपने विभागों की वार्षिक रिपोर्ट पेश करेंगे। कैबिनेट सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन बीते वर्ष के दौरान लिए गए नीतिगत निर्णयों और विकास परियोजनाओं का विवरण साझा करेंगे, जबकि विदेश सचिव ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी कैबिनेट के समक्ष रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर सरकार के आगामी एजेंडे का खाका भी पेश करेंगे। माना जा रहा है कि वे भारत को तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने और वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के रोडमैप पर प्रकाश डालेंगे। प्रधानमंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल में मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान "परफॉर्म, रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और इंफॉर्म" का मंत्र दिया था और गरीबों, महिलाओं, किसानों तथा युवाओं को नीति के केंद्र में रखने की बात कही थी। इस बार के संबोधन में वे इन्हीं विषयों को आगे बढ़ाते हुए भविष्य की दिशा स्पष्ट करेंगे।
वहीं, ऑपरेशन सिंदूर पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की ओर से दिल्ली में बैठक हुई, जिसमें 16 दलों ने हिस्सा लिया। टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने बताया कि इन दलों ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विशेष सत्र की मांग की है। हालांकि आम आदमी पार्टी इस बैठक में शामिल नहीं हुई, लेकिन उसने अलग से पत्र भेजने की बात कही है। इससे पहले 1 जून को प्रधानमंत्री ने भाजपा और एनडीए शासित 19 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि जाति जनगणना उनकी सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों को विकास की मुख्यधारा में लाया जाएगा। जेपी नड्डा ने जानकारी दी कि इस बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए। पहला प्रस्ताव ऑपरेशन सिंदूर को लेकर था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में की गई सैन्य कार्रवाई की सराहना की गई। दूसरा प्रस्ताव जाति जनगणना से संबंधित था, जिसे सभी नेताओं ने समर्थन देते हुए पारित किया।
दरअसल, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस अभियान के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन हमले और सीमा पर भारी गोलाबारी की, जिसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा हुई। ऑपरेशन सिंदूर के उद्देश्यों को वैश्विक स्तर पर उजागर करने के लिए भारत सरकार ने 59 सांसदों को 33 देशों में भेजा है। ये सांसद सात अलग-अलग सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में विभाजित हैं, जिनके साथ आठ पूर्व राजनयिक भी शामिल हैं। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 20 मई को इन सांसदों को अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी।