मुंबई, 10 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर लोकसभा उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। खड़गे ने पत्र में लिखा है कि यह पहली बार है जब लगातार दो लोकसभा कार्यकालों में यह संवैधानिक पद खाली रहा है। 17वीं लोकसभा में उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ था और अब 18वीं लोकसभा में भी यह परंपरा जारी है, जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है और संविधान की भावना के विरुद्ध है। खड़गे ने यह भी कहा कि अब तक देश में 14 डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं और परंपरा रही है कि यह पद विपक्ष को दिया जाता रहा है ताकि संसद में संतुलन और निष्पक्षता बनी रहे। हालांकि यह कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है लेकिन संसदीय लोकतंत्र की गरिमा और कार्य संस्कृति की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण परंपरा रही है। 16वीं लोकसभा में अन्नाद्रमुक के थंबीदुरई को यह पद दिया गया था, जबकि 17वीं लोकसभा में यह पद रिक्त ही रहा। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा कि संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार लोकसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों के चुनाव का प्रावधान है। संवैधानिक रूप से उपाध्यक्ष सदन का दूसरा सबसे बड़ा पीठासीन अधिकारी होता है, ऐसे में इस पद को खाली छोड़ना गंभीर विषय है। खड़गे ने आग्रह किया कि इस संवैधानिक जिम्मेदारी को पूरा करते हुए उपाध्यक्ष का चुनाव शीघ्र कराया जाए।
वर्तमान सरकार की ओर से 17वीं और अब 18वीं लोकसभा में भी इस पद को रिक्त रखा गया है। 2019 में भाजपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त था और विपक्ष को साथ लेने की आवश्यकता महसूस नहीं की गई। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर यह पद खाली रखा क्योंकि यदि चुनाव होते तो यह पद विपक्ष खासकर कांग्रेस को देना पड़ता जो सरकार की प्राथमिकता में नहीं थी। अब 18वीं लोकसभा में कांग्रेस के पास 99 सीटें हैं और कुल विपक्ष की ताकत बढ़ी है लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने डिप्टी स्पीकर पद के लिए विपक्ष की मांग स्वीकार नहीं की। विपक्ष का कहना है कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए समर्थन देने के बदले उपाध्यक्ष का पद मांगा था लेकिन सरकार ने इस पर सहमति नहीं दी, जिससे यह संवैधानिक पद अभी भी खाली है।