मुंबई, 20 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस पार्टी देशभर में संगठन को नए ढांचे के तहत पुनर्गठित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। गुजरात और मध्यप्रदेश में सफल प्रयोग के बाद अब राजस्थान में भी इसी मॉडल को लागू करने की योजना बनाई जा रही है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया है कि संगठन को जिला, ब्लॉक, मंडल और पंचायत स्तर तक पूरी तरह से नए सिरे से खड़ा किया जाएगा। इस प्रक्रिया की निगरानी खुद राहुल गांधी की कोर टीम कर रही है, जिसे पूरी नियुक्ति प्रक्रिया की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजस्थान में यह अभियान जल्द शुरू होगा, लेकिन इसकी जानकारी अभी राज्य के अधिकतर कांग्रेस नेताओं को नहीं दी गई है। राहुल गांधी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि अब हर राज्य में गुजरात और एमपी की तर्ज पर संगठन खड़ा किया जाएगा। इस मॉडल के तहत केवल सक्रिय और फील्ड में काम करने वाले नेताओं को पद दिए जाएंगे, जबकि निष्क्रिय नेताओं के पद स्वतः ही समाप्त हो जाएंगे।
नए मॉडल में ब्लॉक, जिला और मंडल स्तर पर पहले से पद संभाल रहे नेताओं की पुनर्नियुक्ति केवल तभी होगी जब फील्ड रिपोर्ट उनके पक्ष में होगी। अन्यथा वे पद गंवा सकते हैं। नियुक्तियों की प्रक्रिया में कोऑर्डिनेटर हर ब्लॉक का दौरा करेंगे और स्थानीय कार्यकर्ताओं, नेताओं और संगठन से जुड़े लोगों से फीडबैक लेकर योग्य नाम आगे बढ़ाएंगे। यह मॉडल जहां संगठन में नई ऊर्जा और जोश भरने का प्रयास माना जा रहा है, वहीं इसके साथ संभावित चुनौतियों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा। जानकारों का मानना है कि इससे गुटबाजी बढ़ सकती है और जिन नेताओं के पद जाएंगे वे असंतोष पैदा कर सकते हैं। हालांकि राहुल गांधी की टीम को इस समस्या की जानकारी है और रिपोर्ट के मुताबिक जो मौजूदा पदाधिकारी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, उन्हें नए ढांचे में शामिल किया जाएगा जिससे संतुलन बना रहे। राजस्थान के कुछ वरिष्ठ नेता पहले मानते थे कि यह मॉडल केवल कमजोर राज्यों के लिए है, लेकिन राहुल गांधी की घोषणा के बाद अब साफ हो गया है कि यह बदलाव हर राज्य में लागू किया जाएगा। नए सिस्टम से कांग्रेस के संगठन में व्यापक बदलाव की उम्मीद की जा रही है, जिसमें युवा, ऊर्जावान और जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाएगा।