लोकसभा की कार्यवाही के दौरान ‘गांधी’ सरनेम को लेकर शुरू हुई राजनीतिक बयानबाज़ी में अब शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी खुलकर सामने आई हैं। उन्होंने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि गांधी नाम के प्रति सत्ता पक्ष द्वारा दिखाई जाने वाली चिढ़, कुंठा और संवेदनशीलता यह दर्शाती है कि यह सरनेम अब भी भारतीय राजनीति में अत्यंत प्रभावशाली है।
उन्होंने दो टूक कहा—“गांधी नाम को जितना भी छोटा दिखाने की कोशिश करेंगे, उतना ही वह सूर्य की तरह और अधिक चमकेगा। जनता के दिलों में यह नाम इसलिए है क्योंकि इस परिवार ने देश की सेवा की है। प्रियंका चतुर्वेदी का कहना था कि सत्ता पक्ष द्वारा लगातार गांधी परिवार पर निशाना साधना राजनीतिक अपरिपक्वता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि विपक्ष पर जितना प्रहार होगा, उतना ही यह नाम और अधिक मजबूत होकर सामने आएगा।
वायु प्रदूषण पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया
‘गांधी’ सरनेम पर प्रतिक्रिया देने के साथ ही प्रियंका चतुर्वेदी ने राजधानी दिल्ली और देश के कई हिस्सों में बढ़ते वायु प्रदूषण पर भी सरकार को घेरे में लिया। उन्होंने कहा कि देश वर्तमान में “ज़हरीले माहौल” में जी रहा है। उनके अनुसार,“AQI मापने के मानक बदल दिए गए, कार्रवाई नहीं की जा रही और इस गंभीर विषय को राजनीति का मैदान बना दिया गया है।” उन्होंने पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब लेफ्टिनेंट गवर्नर लगातार प्रदूषण को मुद्दा बनाते थे। लेकिन अब जब केंद्र सरकार बीजेपी की है और वही LG हैं, तो वह “हॉट एयर बैलून लॉन्च करने में व्यस्त दिखते हैं”।
प्रियंका चतुर्वेदी ने साफ कहा कि प्रदूषण किसी भी पार्टी का मुद्दा नहीं होना चाहिए।
“यह राजनीति से ऊपर का विषय है। इस पर समाधान आधारित चर्चा होनी चाहिए, न कि एक-दूसरे पर आरोप लगाने वाली बहस।”
“वंदे मातरम् पर बहस हुई, प्रदूषण पर क्यों नहीं?”
सांसद ने सदन की गतिविधियों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् जैसे विषयों पर लंबी बहस होती है, जबकि वायु प्रदूषण जैसे गंभीर मामले पर चर्चा नहीं की जाती। चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदूषण पर तात्कालिक और ठोस नीति बनाने की जरूरत है, क्योंकि इसका सीधा असर नई पीढ़ी के स्वास्थ्य, बुजुर्गों की जीवन-शैली और देश की उत्पादकता पर पड़ रहा है।
राहुल गांधी ने भी उठाया मुद्दा
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी शुक्रवार (12 दिसंबर) को वायु प्रदूषण का मामला जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण देश के कई बड़े शहर जहरीली हवा की चादर में ढके हैं और इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है।
राहुल गांधी ने कहा—
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लाखों बच्चों में फेफड़ों की बीमारियाँ बढ़ रही हैं
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कैंसर जैसी गंभीर बीमारियाँ फैल रही हैं
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बुजुर्गों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है
उन्होंने मांग की कि वायु प्रदूषण पर सदन में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए और इसके लिए सरकार को गंभीर कदम उठाने चाहिए। राहुल गांधी ने यह भी भरोसा जताया कि इस विषय पर सरकार और विपक्ष दोनों एकजुट होकर काम कर सकते हैं, क्योंकि यह देश और नागरिकों के भविष्य का मुद्दा है।