मुंबई, 25 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की एडहॉक कमेटी की जयपुर में बुलाई गई बैठक पांच मिनट से भी कम समय में खत्म हो गई। बैठक में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब कमेटी के सदस्य धर्मवीर सिंह के शामिल होने पर कंवीनर जयदीप बिहाणी ने आपत्ति जताई। बिहाणी ने धर्मवीर की उपस्थिति का विरोध करते हुए कहा कि जब पाली जिला क्रिकेट संघ की मान्यता रद्द हो चुकी है, तो धर्मवीर किस अधिकार से एडहॉक कमेटी की बैठक में शामिल हो सकते हैं। इस विरोध के बावजूद धर्मवीर बैठक से बाहर नहीं गए, जिसके बाद कंवीनर ने बिना किसी चर्चा के बैठक समाप्त घोषित कर दी। धर्मवीर सिंह पाली जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारी हैं और इसी आधार पर उन्हें एडहॉक कमेटी का सदस्य बनाया गया था। लेकिन बीते दिनों एडहॉक कमेटी के कंवीनर जयदीप बिहाणी ने पाली संघ के चुनावों में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर शिकायत के आधार पर संघ की मान्यता रद्द कर दी थी। इसके बावजूद जब धर्मवीर सिंह बैठक में पहुंचे तो टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
मीडिया से बातचीत करते हुए धर्मवीर सिंह ने आरोप लगाया कि उन्हें धार्मिक पहचान और राजनीतिक झुकाव के आधार पर टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केवल एक तस्वीर को आधार बनाकर उन्हें कांग्रेसी साबित करने की कोशिश की जा रही है, जबकि जयदीप बिहाणी खुद पहले कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और अब बीजेपी से विधायक बन चुके हैं। धर्मवीर ने इसे बदले की भावना से उठाया गया कदम बताया और कहा कि यह उनका व्यक्तिगत हरेसमेंट है। पाली जिला क्रिकेट संघ की मान्यता 20 मई को एक पत्र के जरिए रद्द की गई थी। संघ पर आरोप था कि उसने चुनाव और वित्तीय मामलों में पारदर्शिता नहीं बरती और जांच में सहयोग नहीं किया। जयदीप बिहाणी ने धर्मवीर सिंह पर चुनाव प्रक्रिया में अनियमितता और आर्थिक गड़बड़ियों का आरोप लगाया था। इसके आधार पर संघ की मान्यता रद्द की गई थी। धर्मवीर सिंह को इससे पहले नोटिस जारी कर 2005 से आय-व्यय का ब्योरा मांगा गया था। धर्मवीर का कहना है कि पाली संघ का रजिस्ट्रेशन 2008 में हुआ, ऐसे में 2005 से ब्योरा देना संभव नहीं है। इस विवाद के बीच पाली, जोधपुर और बीकानेर जिला क्रिकेट संघों ने राज्य क्रीड़ा परिषद को पत्र लिखकर जयदीप बिहाणी के नोटिस देने की लगातार बढ़ती कार्रवाई को लेकर शिकायत दर्ज कराई है।