भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी और मशहूर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन हमेशा मैदान पर अपने जुनून और समर्पण के लिए जाने जाते हैं। लेकिन कई बार उनका यही जुनून गुस्से में भी बदल जाता है, और तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) 2025 में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। एक विवादित अंपायरिंग फैसले के बाद अश्विन मैदान पर ही आपा खो बैठे और अंपायर से तीखी बहस कर बैठे। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और इसे लेकर क्रिकेट जगत में खूब चर्चा हो रही है।
क्या है मामला?
डिंडीगुल ड्रैगन्स और आईड्रीम तिरुप्पुर तमिज़हंस के बीच खेले गए इस मुकाबले में रविचंद्रन अश्विन डिंडीगुल के कप्तान के रूप में मैदान पर उतरे थे। उनकी टीम पहले बल्लेबाज़ी कर रही थी। पहले ही कुछ वाइड बॉल विवादों को लेकर अश्विन ने अपने दोनों DRS (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) गंवा दिए थे।
इसके बाद मुकाबले के एक अहम मोड़ पर, आईड्रीम के कप्तान आर साई किशोर की एक गेंद अश्विन के पैड पर लगी, और विपक्षी टीम ने आउट की जोरदार अपील की। महिला अंपायर ने बिना किसी देरी के अश्विन को LBW आउट करार दे दिया। लेकिन अश्विन इस फैसले से बिल्कुल भी सहमत नहीं थे।
मैदान पर भड़के अश्विन
अश्विन ने तुरंत अंपायर के फैसले का विरोध किया और दावा किया कि गेंद लेग स्टंप के बाहर पिच हुई थी, जिससे वह आउट नहीं हो सकते थे। चूंकि उनके पास DRS का विकल्प नहीं बचा था, इसलिए वे अंपायर के फैसले को चुनौती नहीं दे सके। इस स्थिति में अश्विन का गुस्सा चौथी अंपायर के साथ तीखी बहस में बदल गया।
लंबी बहस के बाद अश्विन ने अपने गुस्से में बल्ले को जोर से पैड पर मारा और निराश होकर पवेलियन लौट गए। उनके चेहरे की नाराजगी और हाव-भाव से साफ था कि वे इस फैसले को लेकर बेहद आक्रोशित हैं।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
अश्विन के इस बर्ताव का वीडियो स्टेडियम में मौजूद दर्शकों द्वारा रिकॉर्ड किया गया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया गया। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं — कुछ ने अंपायरिंग को खराब बताया, जबकि कई यूज़र्स ने अश्विन की नाराजगी को अनुशासनहीनता करार दिया।
खराब प्रदर्शन और करारी हार
अश्विन की नाराजगी का असर शायद पूरी टीम पर भी पड़ा, क्योंकि डिंडीगुल ड्रैगन्स इस मुकाबले में महज 93 रन ही बना सकी। अश्विन खुद सिर्फ 18 रन बनाकर आउट हुए। शिवम सिंह ने 30 रन और जयंत ने अंत में 18 रनों की छोटी पारी खेली। लेकिन इसके अलावा टीम का कोई भी बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका।
आईड्रीम तिरुप्पुर तमिज़हंस की ओर से आर साई किशोर ने शानदार गेंदबाज़ी की और मैच को एकतरफा बना दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए तुषार रहेजा ने नाबाद 65 रन बनाए और टीम ने सिर्फ 11.5 ओवर में 9 विकेट से जीत दर्ज कर ली।
रन रेट पर भी असर
इस करारी हार का असर सिर्फ अंक तालिका पर नहीं बल्कि डिंडीगुल ड्रैगन्स के नेट रन रेट (NRR) पर भी पड़ा। टीम का नेट रन रेट काफी गिर गया है, जिससे आगे के प्लेऑफ मुकाबलों के लिए योग्यता की संभावना कमजोर हो गई है। अब उन्हें अगले मुकाबलों में न सिर्फ जीत दर्ज करनी होगी, बल्कि बड़े अंतर से जीत भी जरूरी हो गई है।
अंपायरिंग विवाद पर BCCI की प्रतिक्रिया?
हालांकि इस मामले पर अभी तक TNCA (तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन) या BCCI की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ी द्वारा अंपायर पर इस तरह की नाराजगी जाहिर करना एक संवेदनशील मुद्दा बन सकता है। ऐसे मामलों में अक्सर जुर्माना या चेतावनी दी जाती है।
निष्कर्ष
रविचंद्रन अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी से इस तरह का गुस्से में व्यवहार भले ही कुछ दर्शकों को भावनात्मक रूप से समझ में आए, लेकिन क्रिकेट जैसे सज्जनों के खेल में यह अनुशासन के विरुद्ध माना जाता है। फिर भी, यह स्पष्ट है कि फैसला विवादित था और डीआरएस न होने की स्थिति में खिलाड़ी की निराशा बढ़ जाती है।
अब देखना होगा कि अश्विन और उनकी टीम इस हार से कैसे उबरती है और अगले मुकाबलों में क्या सुधार लेकर आती है। साथ ही यह भी दिलचस्प होगा कि क्या इस विवादास्पद फैसले के बाद अंपायरिंग मानकों पर कोई पुनर्विचार किया जाएगा या नहीं।