दुनिया के सबसे चर्चित और प्रभावशाली शख्सियतों में शुमार डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच लंबे समय से विवाद की स्थिति बनी हुई है। कभी दोनों एक-दूसरे के सहयोगी थे, लेकिन टैक्स पॉलिसी, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की अनिवार्यता, और हालिया एपस्टीन फाइल्स जैसे मामलों ने दोनों के रिश्ते को तल्ख बना दिया। हालांकि, अब संकेत मिल रहे हैं कि इस रिश्ते में थोड़ी नरमी आई है। हाल ही में ट्रंप ने एक निजी चैनल से बातचीत में मस्क की तारीफ की, जिसे अमेरिका की राजनीति और तकनीक की दुनिया में एक सकारात्मक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
मस्क और ट्रंप की दोस्ती का इतिहास
2016 में जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभाला, तो उन्होंने एलन मस्क को व्हाइट हाउस की बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल में शामिल किया। मस्क, ट्रंप की रणनीतिक टीम के अहम सलाहकार थे, खासकर ऊर्जा, तकनीक और नवाचार से जुड़े विषयों पर। लेकिन जैसे-जैसे नीतियों में बदलाव हुए, मस्क ने कुछ प्रमुख मुद्दों पर ट्रंप से असहमति जताई, खासकर टैक्स और पर्यावरण से जुड़े मसलों पर।
बिग ब्यूटीफुल बिल और टैक्स डिडक्शन पर विवाद
ट्रंप प्रशासन ने 2024 के अंत में “Big Beautiful Bill” के नाम से एक व्यापक टैक्स रिफॉर्म पेश किया। इसका मकसद अमीरों को टैक्स में बड़ी छूट देना था, ताकि वे अमेरिका में निवेश करें। लेकिन एलन मस्क ने इस बिल को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर "पागल बनाने वाला" और "सामान्य वर्ग के लिए नुकसानदायक" बताया।
मस्क का कहना था कि इस बिल से न केवल मध्यमवर्गीय अमेरिकी प्रभावित होंगे, बल्कि इससे रोजगार का भी नुकसान होगा। इसके बाद ट्रंप ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और मस्क पर “अहंकार और दोहरे व्यवहार” का आरोप लगाया।
ईवी अनिवार्यता पर असहमति
मस्क टेस्ला के सीईओ हैं और लंबे समय से अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के समर्थक रहे हैं। जबकि ट्रंप, खासकर 2024 के चुनाव के बाद, फॉसिल फ्यूल इंडस्ट्री को संरक्षण देने लगे। ट्रंप का मानना है कि अमेरिका को पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर भरोसा बनाए रखना चाहिए और हर व्यक्ति को ईवी खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा:
“मैं नहीं चाहता कि हर अमेरिकी सिर्फ इलेक्ट्रिक कार चलाए। लोगों को विकल्प मिलना चाहिए।”
वहीं मस्क ने पलटकर ट्वीट किया कि "पर्यावरणीय जिम्मेदारी कोई विकल्प नहीं, एक ज़रूरत है।" इसी बयानबाजी के बाद दोनों के बीच सोशल मीडिया पर भी टकराव शुरू हो गया।
एपस्टीन फाइल्स: नया मोड़
2025 की शुरुआत में जब जेफरी एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक किए गए, तब अमेरिका में राजनीति और उद्योग जगत में हलचल मच गई। इस मामले में मस्क और ट्रंप दोनों के नाम मीडिया में चर्चा में आए। हालांकि इन दस्तावेजों में प्रत्यक्ष आरोप किसी पर नहीं थे, लेकिन सोशल मीडिया पर दोनों ने इशारों में एक-दूसरे को घेरा।
मस्क ने एक्स पर लिखा:
"जिन लोगों ने खुद को साफ दिखाने की कोशिश की है, वो असल में सबसे ज्यादा गंदे हैं।"
इसपर ट्रंप समर्थक समूहों ने मस्क को "हाइपोक्रिट" और "एंटी-अमेरिकन" कहना शुरू कर दिया। बाद में दोनों पक्षों ने यह पोस्ट डिलीट कर दिए, लेकिन विवाद का प्रभाव बना रहा।
अब क्या हैं हालात? ट्रंप की नई टिप्पणी से बदला माहौल
हाल ही में फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने मस्क के बारे में कहा:
“एलन मस्क एक शानदार इंसान हैं। वो स्मार्ट हैं, उन्होंने मेरे साथ प्रचार किया था, लेकिन फिर थोड़े परेशान हो गए। मगर मुझे यकीन है कि वो हमेशा अच्छा ही करेंगे।”
इस बयान को विशेषज्ञों द्वारा सियासी और कारोबारी मेलजोल की ओर संकेत माना जा रहा है। 2026 में फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे ट्रंप, मस्क जैसे बड़े इनोवेटर का समर्थन खोना नहीं चाहेंगे। वहीं मस्क भी शायद अब पहले की तुलना में राजनीतिक रूप से अधिक संतुलित भूमिका निभाना चाह रहे हैं।
निष्कर्ष: क्या फिर साथ आएंगे ट्रंप-मस्क?
ट्रंप और मस्क के बीच का रिश्ता अमेरिकी राजनीति और टेक्नोलॉजी की दिशा तय करने में बड़ा असर डाल सकता है। दोनों की सोच अलग-अलग है, लेकिन प्रभाव और लोकप्रियता दोनों के पास है। फिलहाल संकेत मिल रहे हैं कि दोनों के बीच की तल्खी में थोड़ी नरमी आई है।
क्या यह नरमी व्यावसायिक समझदारी का हिस्सा है या राजनीतिक रणनीति—ये आने वाला वक्त तय करेगा। लेकिन इतना तय है कि जब ट्रंप और मस्क एक मंच पर होते हैं, तो अमेरिकी राजनीति और दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में हलचल जरूर होती है।