ताजा खबर

प्रतिष्ठित NAI के फैलो चुने गए भारतीय मूल के रघुरामन कन्नन, कैंसर रिसर्चर के नाम 65 पेटेंट दर्ज

Photo Source :

Posted On:Tuesday, December 16, 2025

भारतीय मूल के कैंसर रिसर्चर रघुरामन कन्नन को नेशनल एकेडमी ऑफ इन्वेंटर्स (NAI) का प्रतिष्ठित फेलो चुना गया है। यह पहचान उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे प्रभावशाली अकादमिक इनोवेटर्स की श्रेणी में शामिल करती है।

मिसौरी यूनिवर्सिटी (University of Missouri) ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि कन्नन इस संस्थान के उन दो प्रोफेसरों में से एक हैं, जिन्हें NAI फेलो की प्रतिष्ठित 2025 क्लास के लिए चुना गया है। कन्नन के अलावा, प्लांट जेनेटिक्स के प्रोफेसर हेनरी गुयेन को भी यह सम्मान मिला है।

NAI फेलोशिप: नवाचार का सम्मान

नेशनल एकेडमी ऑफ इन्वेंटर्स फेलो का चयन करते समय यह पड़ताल करती है कि चुने गए व्यक्तियों के काम से ऐसे आविष्कार हुए हैं, जिनसे जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक विकास और सामाजिक तौर पर लोगों को महत्वपूर्ण फायदा पहुंचा हो। यह फेलोशिप नवाचार और अकादमिक आविष्कार के उच्चतम स्तर को दर्शाती है।

कैंसर रिसर्च में कन्नन का अभूतपूर्व योगदान

रघुरामन कन्नन क्यूरेटर्स के प्रतिष्ठित प्रोफेसर हैं और कैंसर रिसर्च में माइकल जे और शेरोन आर बकस्टीन चेयर पर कार्यरत हैं। उनकी यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी के स्कूल ऑफ मेडिसिन और कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में जॉइंट अपॉइंटमेंट है, साथ ही वह एलिस फिशेल कैंसर सेंटर में इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी और थेरेप्यूटिक्स प्रोग्राम के एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में भी काम करते हैं।

मिसौरी यूनिवर्सिटी के बयान के अनुसार, कन्नन ने एडवांस्ड नैनोपार्टिकल-आधारित ड्रग डिलीवरी प्लेटफॉर्म तैयार किए हैं। इन प्लेटफॉर्म्स को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि ये स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना सीधे कैंसर ट्यूमर को लक्षित कर सकें। यह कैंसर के उपचार में एक क्रांतिकारी कदम है।

कन्नन के काम को फेफड़े, अंडाशय, स्तन, अग्नाशय (Pancreatic) और लिवर कैंसर के इलाज के लिए एक उन्नत विधि के रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है। उनके नाम से अब तक 65 पेटेंट जारी किए गए हैं, जिनमें से संयुक्त राज्य अमेरिका में 12 पेटेंट सक्रिय (Active) हैं।

हेनरी गुयेन का कृषि में योगदान

कन्नन के साथ चुने गए दूसरे प्रोफेसर, हेनरी गुयेन, प्लांट जेनेटिक्स और बायोटेक्नोलॉजी में अपने रिसर्च के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने जाते हैं। उनका काम जीनोमिक उपकरणों का उपयोग करके फसलों की सहनशीलता (Crop Tolerance) में सुधार पर केंद्रित है, जिससे कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा सके। उनके पास 5 पेटेंट हैं, जिसमें एक अमेरिकी पेटेंट सक्रिय है।

NAI फेलो नामित होने पर कन्नन ने कहा, "NAI फेलो के रूप में नामित होना एक बहुत बड़ा सम्मान है। यह पहचान जितनी मेरी है, उतनी ही मेरे सहयोगियों, सहकर्मियों और छात्रों के लिए भी है।"

दोनों शोधकर्ताओं को इस गर्मी में लॉस एंजिल्स में NAI के सालाना कार्यक्रम के दौरान औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा, जहां उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाया जाएगा। यह सम्मान भारतीय मूल के वैज्ञानिकों द्वारा वैश्विक नवाचार में किए जा रहे महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करता है।


बीकानेर, देश और दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. bikanervocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.