अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, रिपब्लिकन सीनेटर मार्कवेन मुलिन के एक बयान ने इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को देश छोड़कर रूस या किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर चले जाने का विकल्प (ऑप्शन) दिया है। मुलिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य कार्रवाई बढ़ने का डर गहरा रहा है।
मियामी हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कथित तौर पर एक फोन कॉल के दौरान वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को साफ-साफ अल्टीमेटम दिया था। ट्रंप ने मादुरो से कथित तौर पर कहा, “आप खुद को और अपने सबसे करीबी लोगों को बचा सकते हैं, लेकिन आपको अभी देश छोड़ना होगा।”
'रूस या किसी दूसरी जगह जाने का मौका'
सीनेटर मुलिन ने सीएनएन (CNN) को दिए एक इंटरव्यू में इस अल्टीमेटम की पुष्टि करते हुए कहा, “हमने मादुरो को जाने का मौका दिया। हमने कहा कि वह देश छोड़कर रूस जा सकते हैं या किसी दूसरे देश जा सकते हैं।”
माना जा रहा है कि यह 'अजीब' और सीधी बातचीत 21 नवंबर को हुई थी, हालांकि न तो अमेरिका और न ही वेनेजुएला सरकार ने इस वार्ता के विवरण को सार्वजनिक किया है। मियामी हेराल्ड के सूत्रों ने बताया कि ट्रंप ने अपने दक्षिण अमेरिकी समकक्ष को एक सीधा संदेश दिया है।
चार महीने के दबाव अभियान के बाद सीधा संदेश
राष्ट्रपति ट्रंप पिछले चार महीने से मादुरो के खिलाफ एक तीव्र दबाव अभियान (प्रेशर कैंपेन) चला रहे हैं। इस अभियान के तहत, ट्रंप ने वेनेजुएला के उत्तरी तट पर बड़े पैमाने पर नेवल डिप्लॉयमेंट (नौसैनिक तैनाती) का आदेश दिया है, जिससे इस क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ा है।
ट्रंप ने अपने दबाव अभियान को बढ़ाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर सबसे कड़ी चेतावनी देते हुए एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “सभी एयरलाइंस, पायलट, ड्रग डीलर और ह्यूमन ट्रैफिकर्स, कृपया वेनेजुएला के ऊपर और आसपास के एयरस्पेस को पूरी तरह से बंद करने पर विचार करें।” यह बयान वेनेजुएला के लिए एक बड़ा खतरा माना गया, क्योंकि इससे उसकी संप्रभुता (Sovereignty) पर सीधा हमला होता है।
वेनेजुएला की कड़ी निंदा: 'औपनिवेशिक धमकी'
वेनेजुएला ने अमेरिका के इस बयान की कड़ी निंदा की है। काराकास (वेनेजुएला की राजधानी) ने इसे 'कॉलोनियल थ्रेट' (औपनिवेशिक धमकी) बताया है और इसे गैर-कानूनी और गलत हमला कहा है, जो उसकी सॉवरेनिटी (संप्रभुता) और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है।
वेनेजुएला की सरकार ने वाशिंगटन पर देश के खिलाफ एक परमानेंट पॉलिसी (स्थायी नीति) बनाए रखने का आरोप लगाया है। दोनों देशों के बीच यह बढ़ता टकराव, सैन्य कार्रवाई के डर को बढ़ा रहा है और लैटिन अमेरिकी क्षेत्र की स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।