पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सार्वजनिक रूप से अत्यधिक प्रशंसा करने को लेकर तीखा व्यंग्य किया है। शरीफ ने हाल ही में ट्रंप को वैश्विक शांति का नायक बताते हुए उनकी सराहना की, जिस पर हक्कानी ने तंज कसते हुए प्रधानमंत्री पर चापलूसी करने का आरोप लगाया है। हक्कानी की यह टिप्पणी पाकिस्तान की राजनीतिक गलियारों में तुरंत चर्चा का विषय बन गई, और इस पर भारत के कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हक्कानी के पोस्ट को अपने आधिकारिक 'एक्स' (पहले ट्विटर) अकाउंट पर साझा किया।
शहबाज शरीफ ने ट्रंप को बताया 'वैश्विक शांति का नायक'
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपनी आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में डोनाल्ड ट्रंप को कई वैश्विक पहलों के लिए धन्यवाद दिया। शरीफ ने लिखा कि ट्रंप ने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कुआलालंपुर समझौते, गाजा शांति योजना, और मध्य पूर्व व दक्षिण एशिया में स्थिरता लाने के लिए ट्रंप के प्रयासों की खुलकर प्रशंसा की। शरीफ ने यहाँ तक दावा किया कि ट्रंप के अथक प्रयासों से दुनिया भर में लाखों जानें बचीं। यह गौरतलब है कि इसी साल की शुरुआत में, शहबाज शरीफ ने डोनाल्ड ट्रंप को प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित भी किया था।
हक्कानी का तीखा व्यंग्य: 'चापलूसों की ओलंपिक स्पर्धा'
प्रधानमंत्री शरीफ की अत्यधिक प्रशंसा वाली पोस्ट पर पाकिस्तान के पूर्व अमेरिकी राजदूत हुसैन हक्कानी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। हक्कानी ने अपने पोस्ट में तंज कसते हुए लिखा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अभी भी "ट्रंप को चापलूसी करने की ओलंपिक स्पर्धा में स्वर्ण पदक की रेस में सबसे आगे हैं।" हक्कानी की यह तीखी टिप्पणी पाकिस्तान की विदेश नीति की दिशा और घरेलू राजनीति में सत्ता संतुलन पर सवाल खड़े करती है, जहाँ राजनीतिक हस्तियाँ अक्सर विदेशी नेताओं की अत्यधिक प्रशंसा करती दिखाई देती हैं।
गाजा शांति समिट में भी की थी तारीफ
यह पहली बार नहीं है जब शहबाज शरीफ ने ट्रंप की इतनी खुलकर प्रशंसा की हो। इससे पहले 13 अक्टूबर को मिस्र में हुए गाजा शांति समिट में भी विश्व नेताओं की मौजूदगी में शरीफ ने ट्रंप की जमकर तारीफ की थी।समिट में शरीफ ने कहा था कि ट्रंप की अथक मेहनत और उनकी शानदार टीम की वजह से मध्य पूर्व में शांति कायम हुई। उन्होंने यहाँ तक दावा किया था कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोककर सीजफायर करवाया था, जिसके लिए पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया।
हालांकि, शरीफ के इन दावों और नोबेल नामांकन की पहल को कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू विश्लेषकों ने अत्यधिक चापलूसी और एकतरफा दृष्टिकोण बताया है, खासकर पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों को स्थिर करने के संदर्भ में। पूर्व राजदूत हक्कानी का व्यंग्य इसी बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करता है। शरीफ का निरंतर प्रयास यह दर्शाता है कि पाकिस्तान एक बार फिर अमेरिका के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर ट्रंप के साथ संबंध सुधारने का प्रयास कर रहा है।