प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी दो दिवसीय जॉर्डन यात्रा पूरी करने के बाद इथियोपिया के लिए रवाना हो गए. इस दौरान जॉर्डन के राज परिवार ने उन्हें विशेष सम्मान दिया, जो इस यात्रा को यादगार बनाने वाला रहा. हुसैनिया पैलेस में सोमवार शाम को प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया गया, वहीं विदाई के समय खुद जॉर्डन के क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय एयरपोर्ट तक उन्हें छोड़ने पहुंचे. प्रधानमंत्री ने इस यात्रा को बेहद सफल बताया और सोशल मीडिया के माध्यम से इसके अहम पड़ावों को साझा किया.
जॉर्डन पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने आलीशान हुसैनिया पैलेस में किया. किंग अब्दुल्ला द्वितीय को पैगंबर मोहम्मद की 41वीं पीढ़ी का वंशज माना जाता है और उनका परिवार पिछले लगभग 1400 वर्षों से जॉर्डन पर शासन करता आ रहा है. इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बीच भारत और जॉर्डन के संबंधों को नई मजबूती देने पर गहन चर्चा हुई.
इस यात्रा के दौरान एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जो लंबे समय तक लोगों की यादों में रहेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 2 मिनट 10 सेकंड का एक वीडियो साझा किया, जिसमें एक अभूतपूर्व क्षण कैद है. वीडियो में जॉर्डन के क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय खुद वाहन चलाकर प्रधानमंत्री मोदी को ‘द जॉर्डन म्यूजियम’ तक ले जाते दिखाई दे रहे हैं. यह शाही शिष्टाचार और आपसी सम्मान का प्रतीक माना जा रहा है. संग्रहालय पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने गेस्ट बुक पर हस्ताक्षर किए और इस दौरान क्राउन प्रिंस भी उनके साथ मौजूद रहे.
प्रधानमंत्री मोदी ने क्राउन प्रिंस के व्यक्तित्व और उनके योगदान की खुले दिल से सराहना की. उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा कि जॉर्डन यात्रा के दौरान उनकी क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय से विस्तृत बातचीत हुई. पीएम ने कहा कि जॉर्डन की प्रगति के प्रति क्राउन प्रिंस का जुनून साफ झलकता है. युवा विकास, खेल, अंतरिक्ष, नवाचार और दिव्यांगजनों के कल्याण जैसे क्षेत्रों में उनके प्रयास वास्तव में प्रेरणादायक हैं. प्रधानमंत्री ने जॉर्डन के विकास पथ को मजबूत करने के लिए उनके योगदान की प्रशंसा करते हुए शुभकामनाएं भी दीं.
यात्रा के समापन पर एक और खास भाव देखने को मिला, जब क्राउन प्रिंस अल हुसैन द्वितीय खुद प्रधानमंत्री मोदी को एयरपोर्ट तक छोड़ने पहुंचे. इथियोपिया के लिए रवाना होते समय यह दृश्य भारत-जॉर्डन के गहरे और आत्मीय संबंधों का प्रतीक बन गया. इस दौरान दोनों देशों के बीच पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए, जो द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा देने वाले हैं.
इन समझौतों में संस्कृति, अक्षय ऊर्जा, जल प्रबंधन, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण से जुड़े एमओयू शामिल हैं. दोनों देशों ने सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाने, रिन्यूएबल और क्लीन एनर्जी परियोजनाओं में साझेदारी करने और जल संसाधनों के बेहतर और टिकाऊ प्रबंधन के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई. इसके साथ ही डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत डिजिटल गवर्नेंस, तकनीक आधारित सार्वजनिक सेवाओं और नवाचारों में सहयोग को आगे बढ़ाने का फैसला भी लिया गया.
इंडिया-जॉर्डन बिजनेस फोरम में प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों की अहमियत को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि मजबूत सांस्कृतिक रिश्ते ही आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को स्थायी आधार देते हैं. कुल मिलाकर, यह यात्रा न केवल कूटनीतिक दृष्टि से सफल रही, बल्कि भारत और जॉर्डन के बीच भरोसे, सम्मान और सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाने वाली साबित हुई.