मुंबई, 01 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका में मंगलवार देर रात बजट फंडिंग बिल पास नहीं हो सका, जिसके चलते आज से सरकारी शटडाउन लागू हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस बिल को सीनेट से पारित कराने में नाकाम रहे। इसका असर यह हुआ कि कई गैर-जरूरी सरकारी कामकाज ठप हो गए हैं और करीब नौ लाख कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजना पड़ा है।
दरअसल, सीनेट में हुई वोटिंग में बिल के समर्थन में 55 और विरोध में 45 वोट पड़े, जबकि पास होने के लिए 60 वोटों की आवश्यकता थी। ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी को विपक्षी डेमोक्रेट सांसदों का साथ मिलना जरूरी था, लेकिन डेमोक्रेट्स ने इसका विरोध किया। सीनेट में कुल 100 सदस्य हैं, जिनमें 53 रिपब्लिकन, 47 डेमोक्रेट और 2 निर्दलीय शामिल हैं। दोनों निर्दलीय सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट किया, लेकिन संख्या पूरी नहीं हो सकी। अमेरिका में हर साल सरकार को नया बजट पास कराना होता है। अगर संसद में सहमति नहीं बनती तो फंडिंग रुक जाती है और कई विभागों को पैसा नहीं मिल पाता। ऐसे में गैर-जरूरी सेवाओं को बंद करना पड़ता है। यही स्थिति शटडाउन कहलाती है। रिपब्लिकन नेता अब एक बार फिर सीनेट में बिल पेश करने की तैयारी में हैं और उनका कहना है कि जब तक विपक्ष समर्थन नहीं देगा, तब तक यह प्रक्रिया दोहराई जाएगी।
ट्रम्प ने इस हालात के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पहले भी चेतावनी दी थी कि सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा सकता है। अमेरिका में इससे पहले 2019 में ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान 35 दिनों का लंबा शटडाउन हो चुका है। मौजूदा विवाद की जड़ स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी है। डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि ओबामा हेल्थ केयर सब्सिडी प्रोग्राम को और बढ़ाया जाए, जबकि रिपब्लिकन को आशंका है कि ऐसा करने से सरकारी खर्च बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। इसी मुद्दे पर व्हाइट हाउस में हुई बैठक भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
शटडाउन के दौरान प्रशासन यह तय करता है कि कौन-सी सेवाएं जरूरी हैं और कौन-सी नहीं। ट्रम्प इसके जरिए विपक्ष समर्थित योजनाओं जैसे शिक्षा, पर्यावरण और स्वास्थ्य सब्सिडी को गैर-जरूरी कर सकते हैं, जबकि रक्षा और इमिग्रेशन जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दे सकते हैं। उनका मानना है कि शटडाउन से कई फायदे होंगे और यह उनकी नीतियों को आगे बढ़ाने में मददगार होगा। हालांकि, अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो आर्थिक नुकसान उनकी छवि को खराब कर सकता है। अमेरिका का आर्थिक वर्ष 1 अक्टूबर से शुरू होता है। इसी दिन से नया बजट लागू होना चाहिए, ताकि सरकार खर्च की अपनी प्राथमिकताएं तय कर सके। लेकिन बजट पर सहमति न बनने की स्थिति में हर बार यही संकट खड़ा हो जाता है। इस बार भी ट्रम्प प्रशासन और डेमोक्रेट्स के बीच टकराव ने देश को शटडाउन की स्थिति में धकेल दिया है।