मुंबई, 7 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ईरान ने 7 साल बाद सऊदी अरबी में अपनी एम्बेसी खोली। इसी के साथ खाड़ी के दो अहम देशों के बीच डिप्लोमैटिक रिश्ते फिर से बहाल हो गए। इस मौके पर एम्बेसी कम्पाउंड में सेरेमनी का आयोजन किया गया। इसमें कई डिप्लोमैट्स शामिल हुए। ईरान के कॉन्स्युलर मामलों के डिप्टी विदेश मंत्री ने कहा- ये दिन ईरान और सऊदी के रिश्तों के लिए अहम है। हमें उम्मीद है कि इससे क्षेत्र स्थिरता और विकास की तरफ आगे बढ़ेगा। इससे पहले मार्च में दोनों देशों ने एम्बेसी खोलने को लेकर समझौता हुआ था। इसके तहत 2016 के बाद दोनों देश एक-दूसरे के मुल्क में अपनी-अपनी एम्बेसी फिर खोलने के लिए राजी हो गए थे। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाह ने लेबनान की राजधानी बेरूत में इसकी जानकारी दी थी। दोनों देशों के बीच ये समझौता चीन ने कराया था।
सऊदी और ईरान के बीच रिश्तों को सुधारने की कई देश कोशिश कर चुके थे। इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में सत्ता में आने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दो साल में यमन के गृह युद्द को बंद करवाने का वादा किया था। वो सऊदी और ईरान की दुश्मनी की वजह से वादा पूरा नहीं कर पाए। जिसे चीन ने पूरा किया है। 11 मार्च को चीन की राजधानी बीजिंग में ईरान और सऊदी अरब के बीच अहम समझौता हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि हथियार सप्लाई करने की पॉलिसी पर चलने के कारण अमेरिका की मिडल ईस्ट में ऐसी छवि नहीं रह गई थी कि उसे शांति स्थापित करवाने के लायक समझा जा सके। जिसका चीन ने फायदा उठाया है। सऊदी और ईरान के बीच समझौता करवा कर चीन ने यमन में जंग खत्म करने के लिए रास्ता खोल दिया।