पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में सोमवार सुबह एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें अर्धसैनिक बल फेडरल कॉन्स्टेबलरी (FC) के मुख्यालय को निशाना बनाया गया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह लगभग 8:10 बजे जैसे ही गोलीबारी और धमाकों की आवाजें सुनी गईं, पुलिस और सुरक्षा बलों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर इलाके को घेर लिया। स्थानीय नागरिकों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि उन्होंने FC मुख्यालय की दिशा से बम धमाके जैसी कई तेज आवाजें सुनीं। इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है।
हमले के दौरान दो बड़े धमाके, इलाके में मची अफरातफरी
पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, हमले की शुरुआत सुबह ठीक 8 बजकर 10 मिनट पर हुई। हमले के बाद सुनहरी मस्जिद रोड को पूरी तरह से बंद कर दिया गया और पूरे क्षेत्र में अलर्ट घोषित कर दिया गया। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हमले के दौरान दो बड़े धमाके हुए, जिसके बाद आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी के चलते आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई और लोग घरों व दुकानों में छिपने लगे। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पूरे क्षेत्र को कॉर्डन ऑफ कर लिया और आतंकवादियों को मुख्यालय परिसर के भीतर ही घेर लिया। अधिकारियों ने बताया कि हमले में शामिल कम से कम तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमला किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था या अकेले समूह ने शुरू किया।
एक हमलावर ने मुख्य गेट पर खुद को उड़ाया
सुरक्षा सूत्रों ने पुष्टि की है कि मुख्यालय के मेन गेट पर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पास खड़ी वाहनों और बाहर तैनात सुरक्षा ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचा। इसके बाद दो अन्य हमलावरों ने परिसर में घुसकर फायरिंग शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर कई नागरिकों ने घटनास्थल के आसपास धुएं के गुबार की तस्वीरें और वीडियो साझा किए हैं। हालांकि, सुरक्षा बलों ने किसी भी अनधिकृत रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के लिए क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया है।
खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बढ़ी आतंकी गतिविधियां
पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों से खासकर खैबर पख्तूनख्वा (KP) और बलूचिस्तान प्रांतों में आतंकी घटनाओं में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि TTP के पुनर्गठन और अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद से पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति लगातार बिगड़ रही है। यह हमला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नवंबर 2022 में TTP ने पाकिस्तान सरकार के साथ किया गया शांति समझौता खत्म कर दिया था। इसके बाद से उसने सुरक्षा बलों, पुलिस और सरकारी संस्थानों पर कई हमले किए हैं। हाल के महीनों में KP में पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर लगातार लक्ष्यित हमले हो रहे हैं।
इससे पहले भी FC मुख्यालय को बनाया गया था निशाना
यह पहली बार नहीं है कि फेडरल कॉन्स्टेबलरी मुख्यालय पर हमला हुआ हो। सितंबर में KP के बन्नू जिले में स्थित FC मुख्यालय पर एक बड़े हमले को सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था। उस घटना में छह पाकिस्तानी सैनिक शहीद हुए थे, जबकि पांच आतंकवादी मारे गए थे। लगातार हो रहे इन हमलों से यह साफ संकेत मिलता है कि TTP पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को खुलेआम चुनौती दे रहा है।
देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट
पेशावर हमले के बाद पाकिस्तान में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विश्लेषकों का कहना है कि यह हमला एक बार फिर दर्शाता है कि पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था गंभीर खतरे का सामना कर रही है। सरकार और सेना ने दावा किया है कि वे आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जारी रखेंगे, लेकिन मौजूदा हालात यह संकेत देते हैं कि लड़ाई अभी लंबी चलने वाली है।