यूक्रेन युद्ध को लगभग तीन साल पूरे होने को हैं, लेकिन इस बीच रूस ने एक बार फिर शांति की दिशा में बड़ा संकेत दिया है। तुर्की में रूस के अंतरिम प्रभारी एलेक्सी इवानोव ने कहा है कि मॉस्को यूक्रेन के साथ किसी भी समय बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर कीव राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाए, तो वार्ता तुरंत शुरू हो सकती है। एलेक्सी इवानोव ने तुर्की की राजधानी अंकारा में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि रूस शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए गंभीर है। उन्होंने बताया कि “हम हमेशा बातचीत के लिए खुले हैं और तुर्की में हमारे साझेदारों ने भी कहा है कि इस्तांबुल का मंच रूस-यूक्रेन वार्ता के लिए खुला है। अगर यूक्रेन चाहे, तो हम तुरंत वार्ता शुरू कर सकते हैं।”
इस्तांबुल में फिर शुरू हो सकती है वार्ता
इवानोव ने कहा कि पहले भी रूस और यूक्रेन के बीच 16 मई, 2 जून और 23 जुलाई को इस्तांबुल में वार्ताएं हो चुकी हैं। हालांकि, उन बैठकों का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उन दौर की बातचीत में रूस ने कई ठोस प्रस्ताव रखे थे — जैसे कि तीन ऑनलाइन वर्किंग ग्रुप्स की स्थापना, और कूटनीतिक बातचीत को स्थायी रूप देने की पहल — लेकिन यूक्रेनी पक्ष ने अब तक इन पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। रूसी राजनयिक ने यह भी कहा कि “रूस को किसी भी समय और किसी भी मंच पर बातचीत से परहेज नहीं है। अगर कीव शांति की दिशा में ठोस कदम बढ़ाता है, तो हम बिना किसी शर्त के वार्ता शुरू करने को तैयार हैं।
रूस का हाल का दूसरा शांति संकेत
यह पिछले कुछ हफ्तों में रूस की ओर से दूसरा बड़ा शांति संकेत है। इससे पहले 24 अक्टूबर को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी और रूस के विशेष दूत किरील दिमित्रियेव ने एक अमेरिकी मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था कि रूस, यूक्रेन और अमेरिका अब कूटनीतिक समाधान के काफी करीब हैं। उन्होंने कहा था कि रूस केवल संघर्षविराम नहीं चाहता, बल्कि युद्ध का स्थायी और अंतिम समाधान चाहता है, क्योंकि संघर्षविराम अक्सर अस्थायी साबित होते हैं।
युद्ध में ठहराव और कूटनीतिक उम्मीद
विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से यूक्रेन युद्ध में ठहराव आया है। रूस ने डोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, जबकि यूक्रेन पश्चिमी देशों की मदद से प्रतिरोध जारी रखे हुए है। ऐसे में मॉस्को की यह शांति पहल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखी जा रही है।
तुर्की, जो शुरुआत से ही रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है, फिर से शांति प्रक्रिया को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा है। यदि इस्तांबुल में वार्ता फिर से शुरू होती है, तो यह युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।