मुंबई, 25 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर की तवी नदी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए भारत ने मानवीय आधार पर पाकिस्तान को इसकी जानकारी साझा की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह कदम पूरी तरह से इंसानियत के नाते उठाया गया है और इसका उद्देश्य केवल मदद पहुंचाना है। इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने रविवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को बाढ़ से जुड़े हालात की जानकारी दी। यह पहली बार है जब इस तरह का अलर्ट सीधे हाई कमीशन के जरिए साझा किया गया। अब तक बाढ़ से जुड़ी सूचनाएं आमतौर पर सिंधु जल संधि के तहत दोनों देशों के वाटर कमिश्नरों के बीच साझा होती रही हैं। हालांकि इस साल मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत लगभग पूरी तरह रुक गई थी। रविवार सुबह जम्मू में 24 घंटे के भीतर 190.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो अगस्त महीने में बीते सौ सालों की दूसरी सबसे अधिक बारिश है। इससे पहले अगस्त 1926 में 228.6 मिमी बारिश दर्ज हुई थी।
दूसरी ओर, पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि भारत ने यह जानकारी सिंधु जल संधि के तहत दी है। जियो न्यूज और द न्यूज इंटरनेशनल ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया कि भारत ने 24 अगस्त की सुबह तवी नदी में बाढ़ के खतरे को लेकर इस्लामाबाद को आगाह किया। गौरतलब है कि इसी साल 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। इस समझौते के तहत सिंधु जल प्रणाली की तीन पूर्वी नदियों का पानी भारत के अधिकार में है, जबकि शेष तीन पश्चिमी नदियों का पानी पाकिस्तान को मिलता है।