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अमेरिका के शांति प्रस्ताव पर बढ़ा विवाद: रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कोशिशें नए मोड़ पर

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Posted On:Monday, November 24, 2025

रूस और यूक्रेन के बीच लगभग तीन वर्षों से जारी युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका ने जो नया शांति प्रस्ताव तैयार किया है, उसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। अमेरिका, यूक्रेन और यूरोप के कई देशों में इस प्रस्ताव को लेकर मतभेद तेज हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को स्पष्ट किया कि यह उनका अंतिम प्रस्ताव नहीं है, लेकिन इसकी डेडलाइन 27 नवंबर तय रहेगी। ट्रंप ने यह भी चेतावनी दी कि यदि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इस प्लान को स्वीकार नहीं करते, तो यूक्रेन को युद्ध जारी रखने के लिए तैयार रहना होगा। इसके बावजूद उन्होंने कहा कि अमेरिका हर हाल में इस संघर्ष का समाधान चाहता है।

क्या है विवाद की जड़?

अमेरिकी राजनीति के भीतर भी यह प्रस्ताव बड़ा विवाद पैदा कर रहा है। रिपब्लिकन सीनेटर माइक राउंड्स ने दावा किया है कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कुछ सीनेटरों को बताया कि 28 बिंदुओं वाला यह मसौदा “रूसी-सोर्ड दस्तावेज़” जैसा दिखता है। यह आरोप दर्शाता है कि प्रस्ताव में रूस के हित अधिक दिखाई दे रहे हैं। हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।

ड्राफ्ट के लीक हुए हिस्सों से क्या सामने आया?

लीक हुए कथित हिस्सों के अनुसार, प्रस्ताव में कई विवादित बिंदु जुड़े हैं—

  • यूक्रेन को डोनेत्स्क के कुछ क्षेत्रों से पीछे हटने का सुझाव दिया गया है।

  • मसौदा रूस के कब्जे वाले डोनेत्स्क, लुहान्स्क और क्रीमिया को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार करने जैसा दिखता है।

  • खेरसॉन और जापोरिज्झिया के मौजूदा फ्रंटलाइन को स्थिर रखने की बात कही गई है।

  • प्रस्ताव का सबसे बड़ा विवादित हिस्सा यह है कि यूक्रेन की सेना की अधिकतम क्षमता 6 लाख सैनिकों तक सीमित करने की बात की गई है।

यूरोपीय देशों का कहना है कि यदि ऐसा होता है तो भविष्य में रूस के लिए यूक्रेन पर हमला करना आसान हो सकता है।

G20 देशों की प्रतिक्रिया

कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन और अन्य G20 देशों ने संयुक्त रूप से कहा है कि अमेरिकी ड्राफ्ट एक आधार तो जरूर है, लेकिन इसमें बड़े बदलाव जरूरी हैं। उनकी राय है कि—

  • किसी भी देश की सीमाएं युद्ध के ज़ोर पर नहीं बदली जा सकतीं।

  • किसी भी शांति प्रस्ताव में यूक्रेन की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

यूरोपीय देशों का झुकाव इस ओर है कि शांति समाधान यूक्रेन की संप्रभुता को कमजोर किए बिना ही तय होना चाहिए।

जेलेंस्की का भावुक संदेश

स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक भावुक संदेश साझा किया। उन्होंने कहा कि देश अपने इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। जेलेंस्की ने चेतावनी दी कि यूक्रेन को जल्द ही “इज्जत बचाने” या “एक महत्वपूर्ण साझेदार खोने” जैसे कठोर विकल्पों में से किसी एक को चुनना पड़ सकता है। उन्होंने अपने चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रिय यरमाक को शांति वार्ता टीम का प्रमुख नियुक्त किया। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल देश की गरिमा और सुरक्षा के लिए पूरी मजबूती से खड़ा रहेगा।


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