मुंबई, 20 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। ट्रम्प प्रशासन ने ड्रग कार्टेल्स और उनसे जुड़ी हिंसा को रोकने के नाम पर वेनेजुएला के तट पर तीन एजिस गाइडेड-मिसाइल डेस्ट्रॉयर वॉरशिप भेजी हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक USS ग्रेवली, USS जेसन डनहम और USS सैम्पसन नाम के ये जहाज अगले कुछ घंटों में वेनेजुएला के पास पहुंच जाएंगे। इनके साथ करीब 4,000 सैनिक, P-8A पोसाइडन विमान और एक हमला करने वाली पनडुब्बी भी तैनात की गई है। यह फोर्स आने वाले महीनों तक इस इलाके में ड्रग तस्करी विरोधी अभियान का हिस्सा रहेगी।
अमेरिका का आरोप है कि वेनेजुएला की सरकार ड्रग तस्करी को बढ़ावा दे रही है। हालांकि, राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और इसके जवाब में 45 लाख सैनिकों की तैनाती का ऐलान किया है। वेनेजुएला के विदेश मंत्री यवान गिल ने कहा कि अमेरिका की यह कार्रवाई उसकी विश्वसनीयता की कमी को दर्शाती है और किसी भी तरह की धमकी से वेनेजुएला की संप्रभुता प्रभावित नहीं होगी। ट्रम्प प्रशासन ने मादुरो पर भी सीधा निशाना साधा है। अमेरिका ने उन्हें दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्करों में से एक बताते हुए उनकी गिरफ्तारी पर इनाम को बढ़ाकर 435 करोड़ रुपए कर दिया है। पहले यह इनाम 217 करोड़ रुपए था। इसके अलावा मादुरो से जुड़ी 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त की जा चुकी है, जिसमें दो प्राइवेट जेट भी शामिल हैं। न्यूयॉर्क की अदालत में 2020 से उनके खिलाफ नार्को-आतंकवाद और कोकेन तस्करी के आरोप में मामला चल रहा है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने ड्रग माफिया को अमेरिका के लिए गंभीर खतरा बताया है। उनका कहना है कि ये गिरोह फेंटानिल और अन्य नशीली दवाओं की तस्करी कर अमेरिका में हिंसा फैला रहे हैं। उन्होंने मेक्सिको की नई राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम से भी ड्रग माफियाओं के खिलाफ सख्ती बढ़ाने की अपील की, लेकिन मेक्सिको ने कहा कि वह अपनी संप्रभुता पर समझौता नहीं करेगा और अमेरिकी हस्तक्षेप को मंजूर नहीं करेगा। ट्रम्प प्रशासन ने इसी साल फरवरी में वेनेजुएला के ट्रेन डी अरागुआ, अल सल्वाडोर के MS-13 और मेक्सिको के छह बड़े ड्रग कार्टेल्स को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। सामान्यत: यह दर्जा अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों को मिलता है, लेकिन अमेरिका ने कहा कि इन गिरोहों की तस्करी और हिंसा ने इतनी तबाही मचाई है कि इन्हें भी आतंकवादी संगठन मानना जरूरी है।