Birth Anniversary: नेहरू नहीं, अविभाजित 'स्वतंत्र' भारत के पहले पीएम थे 'नेताजी'

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Posted On:Monday, January 23, 2023

आज भारत के महानतम स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस उर्फ नेताजी की जयंती है। अगर आपसे कोई पूछे कि देश के पहले पीएम का नाम क्या था? तो आप कहेंगे कि देश के पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। भारत के छोटे से छोटे स्कूल और सबसे बड़े विश्वविद्यालय के छात्र एक ही उत्तर देंगे क्योंकि भारत में स्कूली किताबों में यह इतिहास बचपन से ही पढ़ाया जाता रहा है। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। क्योंकि, 1947 में बिना किसी चुनाव के, लॉर्ड माउंटबेटन के सामने शपथ लेकर, देश के स्वतंत्र होते ही नेहरू प्रधान मंत्री बन गए। जबकि उस समय कांग्रेस की 15 में से 12 प्रांतीय समितियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल को भावी पीएम बनाने की मांग की थी. लेकिन, महात्मा गांधी को लगा कि नेहरू पटेल के अधीन काम नहीं करेंगे, इसलिए गांधी ने सरदार पटेल पर अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का दबाव डाला और नेहरू को कुर्सी मिल गई।
Why isn't Netaji Subhas Chandra Bose seen as India's first Prime Minister,  asks TMC - India Today

दरअसल, हकीकत यह है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू से पहले भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश की स्वतंत्र सरकार के पहले पीएम थे। आपको शायद इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा होगा। लेकिन यह आपकी गलती नहीं है। स्वतंत्र भारत में सरकारें कुछ विशेष प्रकार के इतिहासकारों को ही मान्यता देती थीं। इन किताबों में देश के इतिहास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घटनाओं को आपसे छुपाया गया है। सुभाष चंद्र बोस देश की पहली स्वतंत्र सरकार के पीएम, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री थे। लेकिन यह बात आपको कभी नहीं बताई गई।
False: Independent India's first Prime Minister was Netaji Subhas Chandra  Bose.

मोदी सरकार ने साल 2017 में 21 अक्टूबर को देश की पहली स्वतंत्र सरकार की 75वीं वर्षगांठ मनाई थी। इस सरकार को 'आजाद हिंद सरकार' के नाम से जाना जाता है। इस सरकार का गठन 21 अक्टूबर 1943 को हुआ था। भारत की पहली स्वतंत्र सरकार की स्थापना और घोषणा 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने की थी। इस घोषणा के तुरंत बाद 23 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के मैदान में प्रवेश किया। आजाद हिंद सरकार के प्रधानमंत्री सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटेन और अमेरिका के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी थी।
Netaji Subhas Chandra Bose Birth Anniversary: All You Need To Know

उस समय 9 देशों की सरकारों ने सुभाष चंद्र बोस की सरकार को मान्यता दी थी। जापान ने 23 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद सरकार को मान्यता दी। उसके बाद जर्मनी, फिलीपींस, थाईलैंड, मंचूरिया और क्रोएशिया ने भी आजाद हिंद सरकार को स्वीकार किया। आज़ाद हिन्द सरकार ने जापानी सरकार के साथ मिलकर म्यांमार के रास्ते पूर्वोत्तर भारत में प्रवेश करने की योजना बनाई थी। सुभाष चंद्र बोस ने बर्मा की राजधानी रंगून को अपना मुख्यालय बनाया, उस समय इस पर जापान का कब्जा था। 18 मार्च, 1944 को सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज ने भारत भूमि पर कदम रखा। और उस जगह को अब नागालैंड की राजधानी कोहिमा के नाम से जाना जाता है।


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