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फैक्ट चेक: दिल्ली के गर्ल्स हॉस्टल के नाले से निकला कंडोम का अंबार? फर्जी कहानी पंचर

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Posted On:Thursday, October 30, 2025

सोशल मीडिया पर इन दिनों दिल्ली के एक कथित गर्ल्स हॉस्टल या पीजी (PG) के नाले से सैकड़ों कंडोम निकलने के दावे के साथ दो वीडियो तेज़ी से शेयर किए जा रहे हैं। इन भ्रामक दावों के आधार पर बड़ी संख्या में सोशल मीडिया यूजर्स दिल्ली में पढ़ने आई छात्राओं के चरित्र पर सवाल उठा रहे हैं और उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन वीडियो पर "हॉस्टल नहीं कोठा" और "कंडोम नाला स्कैंडल" जैसे आपत्तिजनक कमेंट किए जा रहे हैं, जो लड़कियों की शिक्षा और उनके अभिभावकों के भरोसे को धोखा बताने का दावा करते हैं।

हालांकि, जयपुर वोकल्स फैक्ट चेक की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि दोनों में से कोई भी वीडियो दिल्ली की किसी घटना को नहीं दर्शाता है। पहला वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा बनाया गया है, जबकि दूसरा वीडियो नाइजीरिया का है।

वीडियो 1: एआई का कमाल और दुष्प्रचार की रणनीति

पहले वायरल वीडियो में, एक न्यूज रिपोर्टर किसी सीवेज चैंबर पर कैमरा जूम करती हुई दिखती है, जिसमें ढेर सारे कंडोम पड़े हैं। रिपोर्टर दावा करती है कि ये कंडोम हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर के सीवेज चैंबर से निकले हैं।

फैक्ट चेक: वीडियो की बारीकी से जांच करने पर इसमें "वीएन क्रिएटर" का वॉटरमार्क दिखाई देता है। इस जानकारी के आधार पर सर्च करने पर पता चला कि यह वीडियो 'वीएन क्रिएटर' नाम के एक फेसबुक पेज ने 27 अक्टूबर को पोस्ट किया था।

जांच में यह भी सामने आया कि यह यूजर जानबूझकर अपने लोगो से ओपनएआई के वीडियो टूल 'सोरा' (Sora) के लोगो को छिपाने की कोशिश कर रहा था। इसी पेज ने पुणे के गर्ल्स और बॉयज हॉस्टल के सीवर टैंक में कंडोम मिलने की बात कहते हुए भी एक एआई-जनरेटेड वीडियो शेयर किया है, जिसमें सोरा का वॉटरमार्क साफ नजर आता है।

निष्कर्ष यह है कि यह वीडियो किसी वास्तविक घटना पर आधारित नहीं, बल्कि एआई द्वारा बनाया गया एक मनगढ़ंत दृश्य है जिसका उद्देश्य सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाना है।

वीडियो 2: नाइजीरिया का फुटेज, भारत से कोई संबंध नहीं

दूसरे वीडियो में भी एक नाले के अंदर और आसपास बड़ी संख्या में कंडोम बिखरे हुए दिखाई देते हैं, जिसे फेसबुक पर कई यूजर्स ने दिल्ली के पीजी हॉस्टल की ड्रेन लाइन ब्लॉक होने का नतीजा बताया है।

फैक्ट चेक: इस वीडियो के प्रमुख फ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर पता चला कि इसे फेसबुक पर कुछ लोगों ने नाइजीरिया का बताकर शेयर किया था।

थोड़ा और गहन सर्च करने पर, नाइजीरिया के एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का 13 अक्टूबर को पोस्ट किया गया एक लंबा वर्जन मिला। वायरल वीडियो में जहां बैकग्राउंड म्यूजिक है, वहीं इस लंबे वर्जन में एक व्यक्ति कमेंट्री कर रहा है और इस दौरान वह नाइजीरिया का जिक्र भी करता है।

नाइजीरिया के न्यूज आउटलेट "इडो ऑनलाइन टेलीविजन" ने भी 13 अक्टूबर को “#Nigeria” हैशटैग के साथ इस वीडियो को पोस्ट किया था।

मीडिया की गलती: एनडीटीवी मराठी, उड़ीसा पोस्ट और सकाल जैसे कुछ न्यूज आउटलेट्स ने भी इस दूसरे वायरल वीडियो को दिल्ली की घटना मानकर पेश किया था, जो तथ्यात्मक रूप से गलत था।

नैतिक आक्रोश का निशाना बनीं छात्राएं

फैक्ट चेक में यह स्पष्ट हो गया है कि एक एआई जनरेटेड और दूसरा नाइजीरिया का वीडियो साझा करके यह झूठा दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में लड़कियों के हॉस्टल के नाले की सफाई के दौरान सैकड़ों कंडोम मिले हैं। सोशल मीडिया पर बिना जांच-पड़ताल के इन वीडियो को वायरल कर दिल्ली में शिक्षा ग्रहण कर रही छात्राओं के खिलाफ न केवल गलत धारणा फैलाई जा रही है, बल्कि उन्हें अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त बताकर उनका अपमान भी किया जा रहा है। यह घटना साइबर स्पेस में फेक न्यूज और एआई द्वारा निर्मित दुष्प्रचार के तेजी से फैलने के गंभीर खतरे को उजागर करती है।


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