आप समाचार में सोशल मीडिया पर या दोस्तों या परिवार के सदस्यों से COVID-19 टीकों के बारे में परस्पर नेगेटिव जानकारी देख और सुन सकते हैं। कभी-कभी, यह बताना मुश्किल हो सकता है कि इन दिनों क्या सच है क्या झूट | वैक्सीन लगवाना एक व्यक्तिगत निर्णय है।
लेकिन वैक्सीन को लेकर लोगों के जहन में कई सवाल और मिथक हैं जिनकी वजह से वे वैक्सीन लगवाने से बच रहे है | जानिए वैक्सीन के कुछ मिथ |
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पहले ही कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोग वैक्सीन क्यों लगवाएं ?
डॉक्टर्स के मुताबिक जिन्हें पहले भी कोरोना हो चुका है उन्हें दोबारा संक्रमण हो सकता है। ऐसे में संक्रमण से बना एंटीबॉडी वायरस से लड़ने में मदद करता है लेकिन साथ ही वैक्सीन लगवाने के बाद आप ज्यादा सुरक्षित हो जाते हैं। यानी दोबारा कोरोना हुआ तो गंभीर बीमार नहीं पड़ेंगे।
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COVID-19 वैक्सीन को इतनी जल्दी बनाया गया है, यह सुरक्षित नहीं होगा |
यह पूरी तरह से झूठ है। कोविद-१९ वैक्सीन में से कोई भी आपको संक्रमण नहीं दे सकता है। इनमें से किसी भी वैक्सीन में जीवित वायरस का इस्तेमाल नहीं किया गया है। वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार और सर्दी के लक्षण दिख सकते हैं।
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COVID-19 वैक्सीन महिलाओं में बांझपन का कारण बनता है और गर्भवती महिलाओं को नहीं दिया जाना चाहिए |
इस दावे पर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि COVID-19 वैक्सीन महिलाओं में प्रजनन क्षमता को प्रभावित या नुकसान करता है | जो महिलाएं गर्भवती हैं वे वैक्सीन प्राप्त करने का निर्णय ले सकती हैं जब वे इसे प्राप्त करने के लिए योग्य हो जाते हैं। यह कहा गया है कि गर्भवती महिलाएं अपने डॉक्टर्स के साथ अपने विकल्पों पर चर्चा करें, ताकि वे ऐसे निर्णय ले सकें जो उनके लिए सही हों।
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अगर मैं वैक्सीन लगवाता हूं तो मुझे कोरोना हो जाएगा |
यह पूरी तरह से झूठ है। कोविद-१९ वैक्सीन में से कोई भी आपको संक्रमण नहीं दे सकता है। इनमें से किसी भी वैक्सीन में जीवित वायरस का इस्तेमाल नहीं किया गया है। वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार और सर्दी के लक्षण दिख सकते हैं।
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COVID -19 की वैक्सीन लगवाने के बाद मैं बिना मास्क के घूम सकता हूं |
नहीं। वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क लगाना जरूरी होगा क्योंकि यह वैक्सीन १००% सुरक्षित नहीं है।