Kshitij Mohan Sen Death Anniversary मध्यकालीन संत क्षितिजमोहन सेन की पुण्यतिथि पर जानें इनका जीवन परिचय

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Posted On:Tuesday, March 12, 2024

क्षितिजमोहन सेन (जन्म 1880, वाराणसी, उत्तर प्रदेश; मृत्यु 12 मार्च 1960) मध्यकालीन संत साहित्य के अग्रणी रहस्यमय आलोचकों में से एक थे। क्षितिजमोहन सेन अपने समय के प्रमुख संस्कृत विद्वानों में माने जाते थे। वह अमर्त्य सेन के दादा थे। अमर्त्य सेन ने संस्कृत सीखी और भाषाई छात्रवृत्ति प्राप्त की।

  • क्षितिजमोहन सेन का जन्म 1880 में भारत के प्राचीन शहर वाराणसी में हुआ था।
  • क्षितिज मोहन सेन कवीन्द्र-रवीन्द्र की शैक्षणिक संस्था 'विश्व भारती' के अंतर्गत 'विद्या भवन' के अध्यक्ष बने।
  • मध्यकाल के संत साहित्य के रहस्यवादी आलोचकों में उनका प्रमुख स्थान है।
  • बांग्ला में अपने उत्कृष्ट लेखन के अलावा क्षितिज मोहन सेन ने हिंदी में 'भारतवर्ष में जाति भेद' और 'संस्कृति संगम' शीर्षक से रचनाएँ भी लिखीं।
  • 'विश्व भारती' से सेवानिवृत्त होने के बाद क्षितिज मोहन सेन वहां 'कुल स्थानवीर' के रूप में प्रतिष्ठित थे। इस संस्था ने आपको 'देशिकोत्तम' की उपाधि से सम्मानित किया।
  • उन्हें समय-समय पर हिंदी में पुरस्कार भी मिले।
  • 12 मार्च 1960 को क्षितिज मोहन सेन की मृत्यु हो गई।


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