इतिहास के पन्नों में - 02 मई
दुनिया के इतिहास में 2 मई की तारीख भी घटनाओं से भरी हैं। भारतीय संदर्भ में यह दिन सिने जगत के बेहतरीन निर्माता, निर्देशक और लेखक सत्यजीत रे के जन्म के लिए याद किया जाता है। वहीं बाहर के देशों में यह महान चित्रकार लिआनार्दो द विंची के निधन का दिन है।
सत्यजीत रे का शताब्दी वर्ष-
इस फ़िल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक का जन्म दो मई,1921 को हुआ था। इस तरह वर्तमान साल उनकी शताब्दी का वर्ष है। इस मौके पर देश-दुनाया में कई समारोह हो रहे हैं। सिर्फ तीन साल की उम्र में सिर से पिता की छाया हट जाने के बाद मां सुप्रभा रे ने बड़ी मुश्कलों से उन्हें पाला। प्रेसीडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र पढ़ने के बाद शांति निकेतन में पांच साल रहे। फिर 1943 में कलकत्ता आ गए और बतौर ग्राफिक डिजाइनर काम किया। उन्होंने कई मशहूर किताबों के आवरण बनाये, जिनमें जिम कॉर्बेट की ‘मैन ईटर्स ऑफ कुमाऊं’ और जवाहरलाल नेहरू की ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ भी शामिल है।
फ्रांसीसी निर्देशक जां रेनोआ से मुलाकात और ब्रिटेन यात्रा के दौरान अंग्रेजी फिल्म ‘बाइसकिल थीव्स’ का प्रभाव पड़ा। यहीं से पंथेर पांचाली का खाका खींचना शुरू किया। इस फिल्म के निर्माण में अनेक परेशानियां आईं पर उन्होंने हार नहीं मानी। आखिर यह बनी और बहुचर्चित हुई। इसे फ्रांस के कांस फिल्म फेस्टिवल में विशेष पुरस्कार बेस्ट ह्यूमन डॉक्यूमेंट भी मिला। सत्यजीत रे की फिलमों में पारस पत्थर, कंचनजंघा, महापुरुष, अपूर संसार, महानगर, चारूलता, अपराजितो, गूपी गायन-बाघा बायन शामिल हैं। 1977 में उनकी एकमात्र फिल्म शतरंज के खिलाड़ी आई। 1991 में प्रदर्शित आंगतुक सत्यजीत रे के सिने करियर की अंतिम फिल्म थी। सत्यजीत रे को 1978 में बर्लिन फिल्म फेस्टिवल की संचालक समिति ने उन्हें विश्व के तीन सर्वकालिक निर्देशकों में से एक के रूप में सम्मानित किया। भारत सरकार ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में विभिन्न विधाओं के लिए उन्हें 32 राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। वे दूसरे फिल्मकार थे जिन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। 1985 में उन्हें हिंदी फिल्म उद्योग के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिर तो 1992 में उन्हें भारत रत्न भी मिला और ऑस्कर (ऑनरेरी अवॉर्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट) भी। बीमार होने की वजह से वे इसे लेने खुद नहीं जा सके थे। इसके करीब एक महीने के भीतर ही 23 अप्रैल 1992 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया। पटकथा, कास्टिंग, पार्श्व संगीत, कला निर्देशन, संपादन आदि में माहिर सत्यजीत रे वास्तव में चलता-फिरता फिल्म संस्थान थे।
02 मई की कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं -
1519: महान चित्रकार लिओनार्दो दा विंची का निधन।
1922: भारत के पेशेवर बिलियर्ड्स खिलाड़ी विल्सन जोन्स का जन्म।
1924: नीदरलैंड का सोवियत संघ को मान्यता देने से इनकार।
1933: जर्मनी में हिटलर ने मजदूर संघों पर प्रतिबंध लगाया।
1945: इटली में मौजूद जर्मन सैनिकों का आत्मसमर्पण।
1949: महात्मा गांधी की हत्या मामले की सुनवाई शुरू।
1950: फ्रांस ने कोलकाता के पास स्थित अपने उपनिवेश चंद्रनगर को भारत सरकार को सौंपा।
1997: ब्रिटेन की लेबर पार्टी के नेता टोनी ब्लेयर ने प्रधानमंत्री का पद संभाला। 1812 के बाद वह देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे।
1999: मिरया मोस्कोसो पनामा की प्रथम महिला राष्ट्रपति नियुक्त।
2003: भारत कापाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को फिर जोड़ने का एलान।