हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले पंचांग (Panchang) देखना अनिवार्य माना जाता है। पंचांग, जो 'पांच अंग' (तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण) से मिलकर बना है, हमें दैनिक ज्योतिषीय गणनाओं और शुभ-अशुभ समय की विस्तृत जानकारी देता है। आज 11 नवंबर 2025, मंगलवार के दिन मार्गशीर्ष (अगहन) मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। यह दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित है, जिससे बजरंगबली की आराधना और व्रत के लिए यह दिन अत्यंत शुभ फलदायी हो जाता है।
आज की प्रमुख तिथियां और ग्रह स्थिति
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, आज की तिथि और नक्षत्र की स्थिति इस प्रकार है:
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तिथि: कृष्ण पक्ष सप्तमी (रात्रि 11:09 बजे तक, उसके बाद अष्टमी तिथि)
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वार: मंगलवार
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मास (पूर्णिमांत): मार्गशीर्ष (अगहन)
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विक्रम संवत्: 2082 (कालयुक्त)
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नक्षत्र: पुष्य नक्षत्र (सायं 06:18 बजे तक, उसके बाद आश्लेषा नक्षत्र)
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योग: शुभ योग (प्रातः 09:44 बजे तक, उसके बाद शुक्ल योग)
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करण: विष्टि (भद्रा) करण (प्रातः 11:32 बजे तक, उसके बाद बव करण)
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चंद्र राशि: कर्क
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सूर्य राशि: तुला
सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्र गणना
आज सूर्य दक्षिणायन और दक्षिण गोल में हैं।
| विवरण |
समय |
| सूर्योदय |
प्रातः 06:40 बजे |
| सूर्यास्त |
सायं 05:29 बजे |
| चंद्रोदय |
रात्रि 11:20 बजे |
| चंद्रास्त |
दोपहर 12:32 बजे |
शुभ और अशुभ मुहूर्त
किसी भी कार्य की सफलता सुनिश्चित करने के लिए शुभ मुहूर्त (Auspicious Time) और राहुकाल (Inauspicious Time) का ध्यान रखना आवश्यक है।
| मुहूर्त |
समय |
| ब्रह्म मुहूर्त |
04:55 AM से 05:48 AM |
| अभिजित मुहूर्त |
11:43 AM से 12:27 PM |
| अमृत काल |
12:01 PM से 01:35 PM |
| विजय मुहूर्त |
01:53 PM से 02:36 PM |
| गोधूलि मुहूर्त |
05:29 PM से 05:56 PM |
| राहुकाल |
02:47 PM से 04:08 PM |
| यमगण्ड |
09:24 AM से 10:44 AM |
| भद्रा काल |
06:41 AM से 11:32 AM |
विशेष: आज सुबह 06:41 बजे से 11:32 बजे तक भद्रा काल रहेगा। भद्रा को एक अशुभ करण माना जाता है, इसलिए इस अवधि में कोई भी नया या महत्वपूर्ण कार्य, जैसे गृह प्रवेश, यात्रा आरंभ या विवाह संबंधित कार्य करने से बचना चाहिए।
नक्षत्रों का प्रभाव: पुष्य से आश्लेषा
आज सायं 06:18 बजे तक पुष्य नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, जिसे 'नक्षत्रों का राजा' भी कहते हैं। इस अवधि में भूमि, वाहन, वस्त्र, आभूषण आदि की खरीदारी और नए कार्यों की शुरुआत करना अत्यंत शुभ होता है। हालांकि, सायं 06:18 बजे के बाद आश्लेषा नक्षत्र का आरंभ हो रहा है, जो गंडमूल नक्षत्र की श्रेणी में आता है। गंडमूल नक्षत्र में जन्मे शिशुओं के लिए शांति पाठ कराना अनिवार्य होता है, और इस अवधि में शुभ कार्य करने से परहेज किया जाता है।
ग्रहों की चाल और राजयोग
आज देवताओं के गुरु बृहस्पति कर्क राशि में वक्री हो रहे हैं। अपनी उच्च राशि कर्क में वक्री होने से गुरु का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे जातकों को शिक्षा, धर्म और धन संबंधी मामलों में पीछे का भी फल प्राप्त होता है। मंगलवार का दिन होने के कारण आज हनुमान जी की उपासना, बजरंग बाण का पाठ और मंगलवार का व्रत करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है, जिससे जीवन में ऊर्जा, पराक्रम और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। आज का दिन शुभ-अशुभ के विभिन्न पहलुओं को समेटे हुए है। जहां पुष्य नक्षत्र और शुभ योग का बल है, वहीं भद्रा और गंडमूल नक्षत्र के कारण सावधानी आवश्यक है।