राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार शाम तीन दिवसीय राजकीय दौरे पर गुजरात पहुंचीं। वह राजकोट के हीरासर एयरपोर्ट पर विशेष विमान से उतरीं, जहां राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उनकी अगवानी की और औपचारिक स्वागत किया। राष्ट्रपति का यह दौरा आध्यात्मिक, शैक्षिक और पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण आयामों को कवर करेगा। राज्य प्रशासन ने उनके स्वागत और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं, जिसमें एसपीजी (SPG) की विशेष सुरक्षा टीम उनके साथ मौजूद है। अधिकारियों द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू का शुक्रवार का दिन काफी व्यस्त रहेगा, जिसमें वह राज्य के तीन महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा करेंगी:
आध्यात्मिक केंद्र
सोमनाथ मंदिर: शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति मुर्मू सबसे पहले ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगी। इस दौरान वह मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ भी मुलाकात करेंगी। द्वारकाधीश मंदिर: सोमनाथ के बाद वह द्वारका के लिए रवाना होंगी, जहां वह द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन करेंगी। दर्शन के बाद उनका स्थानीय संतों और विद्वानों से भेंट करने का भी कार्यक्रम है। द्वारका में राष्ट्रपति की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है।
पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण
गिर राष्ट्रीय उद्यान: राष्ट्रपति शुक्रवार को गिर राष्ट्रीय उद्यान का भी दौरा करेंगी, जिसे एशियाई शेरों का अंतिम प्राकृतिक आवास माना जाता है। इस दौरान वह वन्यजीव संरक्षण और इको-टूरिज्म से जुड़े अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगी, और संरक्षण प्रयासों की समीक्षा करेंगी।
शनिवार को शैक्षणिक कार्यक्रम के साथ समापन
शनिवार सुबह भी राष्ट्रपति मुर्मू द्वारका में कुछ स्थानीय कार्यक्रमों में शिरकत करेंगी, जिसके बाद वह दोपहर में गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद के लिए रवाना होंगी। इसके बाद गुजरात विद्यापीठ का दीक्षांत समारोह: शनिवार शाम राष्ट्रपति मुर्मू अहमदाबाद में गुजरात विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। महात्मा गांधी द्वारा स्थापित यह संस्थान अपनी 100वीं वर्षगांठ मना रहा है, जिसके उपलक्ष्य में राष्ट्रपति का यह दौरा शैक्षणिक महत्व रखता है।
राष्ट्रपति भवन से जारी बयान के अनुसार, यह राष्ट्रपति मुर्मू का गुजरात का तीसरा दौरा है। इससे पहले, जून 2024 में वह साबरमती आश्रम के पुनरोद्धार कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। वर्तमान यात्रा में आध्यात्मिक, शैक्षणिक और पर्यावरण संरक्षण पर समान रूप से जोर दिया गया है। गुजरात प्रशासन ने राजकोट, गिर और द्वारका में सुरक्षा, यातायात और नागरिक सुविधा को मजबूत किया है। राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई सांस्कृतिक आयोजनों की भी योजना बनाई गई है।