मुंबई, 29 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर अपनी पसंद के वीडियो खोजना अब पहले जैसा नहीं रहा। वीडियो-एडिटिंग कंपनी 'कैपविंग' (Kapwing) द्वारा किए गए एक ताजा अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि नए यूट्यूब यूजर्स को मिलने वाले 20 प्रतिशत से अधिक सुझाव (Recommendations) अब 'AI स्लॉप' (AI Slop) होते हैं।
क्या है 'AI स्लॉप'?
'AI स्लॉप' उन वीडियो या डिजिटल कंटेंट को कहा जाता है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स की मदद से बहुत ही कम मेहनत और कम गुणवत्ता के साथ, केवल व्यूज और विज्ञापन से पैसे कमाने के लिए थोक में बनाए जाते हैं। ये अक्सर बेतुके, अजीबोगरीब और बिना किसी ठोस जानकारी वाले होते हैं।
अध्ययन के मुख्य बिंदु
- नए खातों पर हमला: शोधकर्ताओं ने एक नया यूट्यूब अकाउंट बनाकर परीक्षण किया। शुरुआती 500 सुझाए गए वीडियो में से 104 वीडियो 'AI स्लॉप' पाए गए।
- 63 अरब व्यूज: दुनिया के 15,000 सबसे लोकप्रिय चैनलों की जांच की गई, जिनमें से 278 चैनल पूरी तरह से सिर्फ AI स्लॉप ही अपलोड कर रहे थे। इन चैनलों के कुल 22 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं।
- सालाना करोड़ों की कमाई: अनुमान है कि ये चैनल सामूहिक रूप से प्रति वर्ष लगभग 117 मिलियन डॉलर ($117 million) की कमाई कर रहे हैं।
- भारत का 'बंदर अपना दोस्त' सबसे आगे: अध्ययन में पाया गया कि भारत का 'बंदर अपना दोस्त' (Bandar Apna Dost) नामक चैनल दुनिया का सबसे अधिक देखा जाने वाला AI स्लॉप चैनल है, जिसने 2.4 अरब से अधिक व्यूज बटोरे हैं।
यूट्यूब की प्रतिक्रिया
यूट्यूब ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 'जनरेटिव AI' एक उपकरण (Tool) है, जिसका उपयोग अच्छी और बुरी दोनों तरह की सामग्री बनाने के लिए किया जा सकता है। प्लेटफॉर्म का कहना है कि वे यूजर्स को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, चाहे वह किसी भी तकनीक से बनी हो। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यूट्यूब का एल्गोरिदम अब भी इन 'अजीब' वीडियो को प्रमोट कर रहा है।
क्यों है यह चिंता का विषय?
विशेषज्ञ इसे "डिजिटल जंक फूड" कह रहे हैं। यह कंटेंट न केवल असली क्रिएटर्स की मेहनत को दबा रहा है, बल्कि बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य (जिसे 'ब्रेन रॉट' कहा जा रहा है) पर भी बुरा असर डाल सकता है।