अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चीन के उत्पादों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी और प्रतिबंधों पर चीन ने कड़ा रुख अपनाया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने इन एकतरफा कार्रवाइयों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए, अमेरिका को अपना 'रवैया सुधारने' की नसीहत दी है और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने का संकल्प लिया है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट के जरिए बीजिंग सरकार का संदेश राष्ट्रपति ट्रम्प तक पहुंचाया. उन्होंने लिखा कि उच्च-स्तरीय टैरिफ लगाने की धमकी देकर चीन से निपटने का तरीका "ठीक नहीं है." जियान ने जोर दिया कि अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रम्प को अपने तरीके बदलने चाहिए. चीन का मानना है कि दोनों पक्ष बातचीत के जरिए आपसी चिंताओं का समाधान कर सकते हैं और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और टिकाऊ बनाए रखने के लिए मतभेदों को सुलझाना चाहिए.
ट्रम्प की आशावादी पोस्ट के बाद चीन की प्रतिक्रिया
चीन का यह बयान तब आया है जब राष्ट्रपति ट्रम्प ने 100 प्रतिशत टैरिफ की धमकी देने के कुछ ही देर बाद, चीन के साथ तनाव कम करने की कोशिश की थी. ट्रम्प ने अपने 'ट्रुथ सोशल' अकाउंट पर एक पोस्ट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को "बेहद सम्मानित शख्स" बताया था और द्विपक्षीय संबंधों को लेकर आशावादी रुख दिखाया था. ट्रम्प ने लिखा था, "दुनियाभर के देश और अमेरिका के निवासी चीन की चिंता न करें, सब कुछ ठीक हो जाएगा! बेहद सम्मानित राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए बुरा दौर आया है, लेकिन उम्मीद है कि वह अपने देश को मंदी के भंवर में धकेलना नहीं चाहते और न ही मैं ऐसा चाहता हूं. अमेरिका चीन की मदद करना चाहता है, न कि उसे नुकसान पहुंचाने की मंशा है."
चीन की जवाबी कार्रवाई की चेतावनी
ट्रम्प के नरम रुख के बावजूद, चीन टैरिफ युद्ध को लेकर अपने रुख पर अटल है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर अमेरिका एकतरफा कार्रवाई करने की जिद पर अड़ा रहता है तो चीन डरता नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि चीन अपने अधिकारों और हितों की रक्षा करना जानता है और टैरिफ युद्ध पर चीन का रुख अटल है. जियान ने कहा, "चीन पीछे नहीं हटेगा, हालांकि हम ऐसा करना नहीं चाहते हैं, लेकिन हम इससे डरते भी नहीं हैं." इस बीच, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी को 'अवैध' करार दिया है. हालांकि, चीन ने जवाबी कार्रवाई में तुरंत टैरिफ नहीं लगाए हैं, जिसे कुछ विश्लेषक ट्रम्प और जिनपिंग के बीच APEC शिखर सम्मेलन (दक्षिण कोरिया) में मुलाकात के लिए दरवाजा खुला रखने की रणनीति मान रहे हैं.
रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर बढ़ा विवाद
यह पूरा विवाद आंशिक रूप से रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) को लेकर चीन के नियंत्रण से जुड़ा है. REE में 17 रासायनिक तत्व शामिल हैं, जो इलेक्ट्रिक वाहनों, स्मार्टफोन और रक्षा उपकरणों जैसे रणनीतिक उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं. चीन का REE उत्पादन पर 70% और रिफाइनिंग पर 90% नियंत्रण है, जो अमेरिका के लिए एक बड़ी आपूर्ति निर्भरता और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता का विषय है. चीन ने हाल ही में विदेशी कंपनियों के लिए REE से बने उत्पादों के निर्यात हेतु लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया था और लगभग 12 तत्वों पर प्रतिबंध लगाए थे. इसके जवाब में, राष्ट्रपति ट्रम्प ने 11 अक्टूबर को 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 1 नवंबर से लागू होना है. ट्रम्प ने चीनी छात्रों के वीजा रद्द करने और सॉफ्टवेयर आयात पर नियंत्रण का भी संकेत दिया है, जिससे दोनों महाशक्तियों के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी युद्ध और गहरा गया है.