रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अब अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों में नई कड़वाहट देखने को मिल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन की नेतृत्व पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि यूक्रेन ने अमेरिका की मदद का कोई आभार नहीं जताया है। ट्रंप ने कहा कि यह यूक्रेन की “सबसे बड़ी कमी” है, जबकि युद्ध की शुरुआत से अब तक अमेरिका लगातार हथियार, सैन्य उपकरण और आर्थिक सहायता भेजता रहा है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रूथ सोशल” पर लिखा—
“मुझे ऐसा युद्ध विरासत में मिला, जो कभी होना ही नहीं चाहिए था। यह एक ऐसी जंग है, जिसमें हर किसी का नुकसान हुआ है। लाखों लोग बेवजह मारे गए। यूक्रेन की लीडरशिप ने हमारी कोशिशों के लिए कोई आभार नहीं जताया है। यूरोप लगातार रूस से तेल खरीद रहा है। ईश्वर युद्ध में मारे गए लोगों की आत्मा को शांति दे। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका और यूक्रेन के शीर्ष प्रतिनिधि युद्ध समाप्ति के प्रस्ताव पर जिनेवा में मिलने वाले हैं। माना जा रहा है कि यह बयान आगामी वार्ताओं पर भी प्रभाव डाल सकता है।
अमेरिका-यूक्रेन के बीच बढ़ा तनाव
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में यूक्रेन को एक 27 नवंबर का अल्टीमेटम दिया था, जिसमें युद्ध विराम और संघर्ष समाप्ति को लेकर एक “पीस ड्राफ्ट” भेजा गया था। लेकिन यूक्रेन ने इस ड्राफ्ट को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि इसमें रूस के कई “हार्डलाइन” शर्तों को मंजूरी दी गई है। यूक्रेन का तर्क है कि यह ड्राफ्ट उसकी संप्रभुता और भौगोलिक अखंडता को कमजोर करता है। यूक्रेन ने साफ कहा है कि वह किसी भी ऐसे प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा जो उसकी जमीन छोड़ने या आत्मसमर्पण करने जैसा हो।
जेलेंस्की ने दिया कूटनीतिक जवाब
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कूटनीति एक बार फिर सही दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने लिखा—“डिप्लोमेसी में दोबारा जान आने लगी है। constructive बातचीत संभव है। हमें खून-खराबा रोकना होगा। उम्मीद है कि बातचीत सकारात्मक नतीजे पर खत्म होगी।” जेलेंस्की के इस बयान को कूटनीतिक संकेत माना जा रहा है कि यूक्रेन वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन अपनी शर्तों पर।
ट्रंप की 28 शर्तें — विवाद की जड़
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन को युद्ध समाप्ति के लिए 28 बिंदुओं वाला प्रस्ताव भेजा है। इनमें से कुछ बेहद कठोर माने जा रहे हैं, जैसे—
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रूस द्वारा कब्जाए गए इलाकों को छोड़ देने की शर्त
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यूक्रेन को भविष्य में कभी NATO में शामिल न होने की प्रतिबद्धता
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सीमा क्षेत्रों में सैन्य गतिविधि पर रोक
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रूस के साथ सीधे और बाध्यकारी शांति समझौते पर हस्ताक्षर
हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा कि यह उनका “आखिरी प्रस्ताव” नहीं है, और वे समाधान निकालने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई है कि वे इस युद्ध को खत्म करने में सफल होंगे।
यूरोप पर भी साधा निशाना
ट्रंप ने यूरोपीय देशों पर भी निशाना साधा, जो रूस से अभी भी तेल और गैस खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूरोप एक तरफ युद्ध की आलोचना करता है और दूसरी तरफ आर्थिक रूप से रूस की मदद करता है।
ट्रंप के अनुसार, इससे युद्ध को रोकने के प्रयास कमजोर होते हैं और रूस की अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलता है।
युद्ध पर असर क्या पड़ेगा?
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका और यूक्रेन के बीच यह सार्वजनिक तनाव भविष्य की वार्ताओं और सैन्य सहायता को प्रभावित कर सकता है। अमेरिका यूक्रेन का सबसे बड़ा सैन्य सहयोगी रहा है, और संबंधों में खटास युद्ध के समीकरण बदल सकती है। जिनेवा में होने वाली बैठक अब बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह स्पष्ट होगा कि क्या दोनों देश साझा समाधान की तरफ बढ़ते हैं या तनाव और बढ़ जाता है।