ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मानवाता के खिलाफ अपराध और हत्या जैसे गंभीर आरोपों से जुड़े एक मामले में आज (13 नवंबर, गुरुवार) इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल फैसले की तारीख का ऐलान करेगा। यह मामला जुलाई 2024 में हुए छात्र आंदोलन और इसके बाद हुई हिंसा से जुड़ा है, जिसके कारण शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी थी।
देश भर में सुरक्षा हाई अलर्ट पर
ट्रिब्यूनल द्वारा फैसले की तारीख की घोषणा से पहले बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव चरम पर पहुँच गया है। किसी भी संभावित विरोध प्रदर्शन, हिंसा या बवाल को रोकने के लिए देश भर में सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों को ढाका सहित देश के महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है।
आवामी लीग ने किया राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान
इस बीच, शेख हसीना की राजनीतिक पार्टी आवामी लीग ने गुरुवार को पूरे देश में सुबह से शाम तक राष्ट्रव्यापी बंद (लॉकडाउन) का आह्वान किया है। पार्टी ने देश के लोगों से इस बंद में शामिल होने की अपील की है। गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आवामी लीग पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों के चलते पार्टी के नेता और कार्यकर्ता लोगों से सीधे संपर्क करने के बजाय, सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं और ऑनलाइन अभियान चलाकर जनता तक अपनी बात पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं।
ढाका में हिंसा और गिरफ्तारियाँ
फैसले की घोषणा से पहले, ढाका समेत बांग्लादेश के कई हिस्सों में तनाव की स्थिति देखने को मिली है। पिछले दो दिनों में गाड़ियों में आग लगाने और बम फोड़ने जैसी छिटपुट हिंसक घटनाएँ सामने आई हैं। आवामी लीग के समर्थकों ने जगह-जगह अचानक रैलियाँ भी निकालीं, जिसके बाद पुलिस ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर कई आवामी लीग कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
1,400 लोगों की मौत वाला छात्र विद्रोह
यह पूरा घटनाक्रम जुलाई 2024 में छात्रों के नेतृत्व में हुए देशव्यापी विद्रोह से जुड़ा है, जिसने शेख हसीना की दीर्घकालिक सरकार को गिरा दिया था। 5 अगस्त, 2024 को, दबाव के चलते पूर्व प्रधानमंत्री भारत भाग गईं, जिसके बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई के विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में अनुमानित तौर पर लगभग 1,400 लोग मारे गए होंगे, जिससे यह बांग्लादेश के इतिहास के सबसे घातक आंदोलनों में से एक बन गया। इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल द्वारा आज फैसला सुनाए जाने की तारीख की घोषणा, देश की राजनीति और भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।