बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और चुनावी माहौल पूरी तरह गर्म हो चुका है। राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी प्रचार युद्ध छिड़ा हुआ है। इसी बीच एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि नाराज लोगों ने एक बीजेपी नेता को जबरन साड़ी पहना दी। इस वीडियो के साथ यह कहा जा रहा है कि यह घटना बिहार की है और यह विरोध का नया तरीका बनता जा रहा है। लेकिन जब इस वीडियो की सच्चाई सामने आई तो दावा पूरी तरह गलत और भ्रामक निकला।
वायरल वीडियो में क्या दिख रहा है?
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कुछ लोग एक बुजुर्ग व्यक्ति को जबरन साड़ी पहनाते नजर आ रहे हैं। वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है,
"बिहार से शुरुआत हो गया है। भाजपा नेता को पहनाया गया साड़ी। अब पूरे भारत भर में देखना बाकी है।"
वीडियो को हजारों लोग शेयर कर चुके हैं और इसे बिहार चुनाव से जोड़कर पेश किया जा रहा है, जिससे भ्रम फैल रहा है कि बीजेपी नेताओं के खिलाफ जनता का गुस्सा इस हद तक पहुंच चुका है।
फैक्ट चेक: सच्चाई क्या है?
फैक्ट चेकिंग में यह सामने आया कि वायरल वीडियो का बिहार चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो मुंबई से सटे डोम्बिवली का है, जहां एक कांग्रेस नेता को भाजपा कार्यकर्ताओं ने साड़ी पहनाई थी — बिल्कुल उलट मामला।
असली घटना क्या थी?
वायरल वीडियो में दिखने वाले व्यक्ति का नाम प्रकाश उर्फ मामा पगारे है। वे 73 वर्षीय वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं और डोम्बिवली क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पगारे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक आपत्तिजनक फर्जी तस्वीर शेयर की थी, जिसमें पीएम को साड़ी पहने हुए दिखाया गया था।
इस हरकत से नाराज होकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें उस वक्त घेर लिया जब वे एक अस्पताल से बाहर आ रहे थे। वहीं सरेआम उन्हें जबरन साड़ी पहनाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स
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नवभारत टाइम्स ने 26 सितंबर 2025 को इस घटना की पुष्टि की थी।
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रिपोर्ट में बताया गया कि पगारे की पोस्ट से बीजेपी कार्यकर्ता नाराज हो गए और उन्होंने इस तरीके से विरोध जताया।
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इस घटना का राजनीतिक मकसद था, लेकिन इसे उलटकर सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ पेश किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है गलत जानकारी
यह घटना महाराष्ट्र की थी, लेकिन वीडियो को बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। इससे साफ है कि चुनावी माहौल में झूठे दावे और फेक न्यूज से मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
निष्कर्ष
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वायरल वीडियो में साड़ी पहनने वाले व्यक्ति बीजेपी नेता नहीं, बल्कि कांग्रेस नेता प्रकाश पगारे हैं।
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घटना का बिहार से कोई लेना-देना नहीं है, यह डोम्बिवली (महाराष्ट्र) की घटना है।
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यह वीडियो फर्जी दावे के साथ वायरल किया गया है, जिसका उद्देश्य राजनीतिक भ्रम फैलाना है।
चेतावनी: किसी भी वायरल वीडियो या पोस्ट को सच मानने से पहले उसकी फैक्ट चेकिंग जरूर करें। चुनावी मौसम में गलत जानकारी तेज़ी से फैलती है, और इसका असर सीधे तौर पर लोकतंत्र पर पड़ता है